Rajasthan GK प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: चारबैत क्या है?
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62a093a9df19be4c4af79043- 1नाथ समुदाय से जुड़ा प्रसिद्ध नृत्यfalse
- 2गैर नृत्य के साथ प्रयुक्त वाद्यfalse
- 3गरासिया जनजाति से जुड़ा गीतfalse
- 4काव्य से भरपूर एक लोकनाट्य विधाtrue
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उत्तर : 4. "काव्य से भरपूर एक लोकनाट्य विधा "
व्याख्या :
1. चारबैत एक 400 साल पुरानी पारंपरिक प्रदर्शन कला है, जिसे कलाकारों या गायकों के एक समूह द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। चारबैत या चार श्लोक लोककथाओं और प्रदर्शन कला का एक रूप है।
2. यह आज भी मुख्य रूप से रामपुर (उत्तर प्रदेश), टोंक (राजस्थान), भोपाल (मध्य प्रदेश) और हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) में जीवित है।
3. चारबैत शब्द की उत्पत्ति का पता फ़ारसी भाषा में लगाया जा सकता है जहाँ यह चार-श्लोक कविता को संदर्भित करता है जिसमें प्रत्येक छंद चार पंक्तियों से बना होता है।
प्र: 'पाबूजी की फड़' में भोपा द्वारा प्रयोग किया जाने वाला लोकवाद्य है
5582 062a08fbd03a63656a29c314c
62a08fbd03a63656a29c314c- 1रावण हत्थाtrue
- 2कुण्डीfalse
- 3मंजीराfalse
- 4पूँगीfalse
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उत्तर : 1. "रावण हत्था "
व्याख्या :
1. 'पाबूजी की फड़' में भोपा द्वारा प्रयोग किया जाने वाला लोकवाद्य रावणहत्था है। यह एक प्रकार का वाद्य यंत्र है जो एक नारियल की कटोरी से बना होता है। इस कटोरी के नीचे एक छेद होता है और इस छेद में एक लकड़ी का डंडा होता है। भोपा इस डंडे को बजाकर 'पाबूजी की फड़' गाते हैं।
2. 'पाबूजी की फड़' राजस्थान के लोक देवता पाबूजी के जीवन और वीरता का वर्णन करती है। यह एक प्रकार की लोक चित्रकला है जो एक कपड़े पर बनाई जाती है। 'पाबूजी की फड़' को भोपा द्वारा गाते हुए सुनाया जाता है। भोपा 'पाबूजी की फड़' गाते समय रावणहत्था बजाते हैं।
प्र: राजस्थान के प्रमुख पशु - मेलों तथा उनसे सम्बद्ध स्थलों के विषय में निम्न में से कौन सा युग्म असत्य है?
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62a08e9e94471d207367e19a- 1चन्द्रभागा पशु मेला - झालावाड़false
- 2सारणेश्वर पशु मेला - नागौरtrue
- 3तिलवाड़ा पशु मेला - बाडमेरfalse
- 4जसवन्त पशु मेला - भरतपुरfalse
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उत्तर : 2. "सारणेश्वर पशु मेला - नागौर"
व्याख्या :
राजस्थान के प्रमुख पशु - मेलों के संबंध युग्म सत्य है।
( 1 ) चन्द्रभागा पशु मेला - झालावाड़
( 2 ) सारणेश्वर पशु मेला - सिरोही
( 3 ) तिलवाड़ा पशु मेला - बाडमेर
( 4 ) जसवन्त पशु मेला - भरतपुर
प्र: प्रसिद्ध घोटिया अम्बा का मेला राजस्थान के किस जिले से सम्बद्ध है?
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62a08dd3df19be4c4af776ed- 1सीकरfalse
- 2बाँसवाड़ाtrue
- 3झालावाड़false
- 4जालौरfalse
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उत्तर : 2. "बाँसवाड़ा "
व्याख्या :
घोटिया अम्बा मेला बाँसवाड़ा, राजस्थान में लगता है। राजस्थान में बेणेश्वर के अलावा एक और बड़ा 'घोटिया अम्बा मेला' है, जो बांसवाड़ा जिले में घोटिया नामक स्थान पर चैत्र की अमावस्या को भरता है।
प्र: खेजड़ी वृक्ष (शमी वृक्ष) की पूजा का प्रावधान किस पर्व से जुड़ा है?
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62a08cddcae9f820bae57169- 1गणगौर पर्वfalse
- 2दीपावली पर्वfalse
- 3दशहरा पर्वtrue
- 4पर्यूषण पर्वfalse
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उत्तर : 3. "दशहरा पर्व "
व्याख्या :
1. खेजड़ी वृक्ष (शमी वृक्ष) की पूजा का प्रावधान दशहरे पर्व से जुड़ा है। दशहरे के दिन, शमी के वृक्ष की पूजा करने से पापों का नाश होता है और विजय की प्राप्ति होती है। इस दिन, शमी के वृक्ष के नीचे पूजा की जाती है और शमी के पत्तों को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
2. शमी के वृक्ष को हिंदू धर्म में एक पवित्र वृक्ष माना जाता है। इस वृक्ष को शनि देव का निवास स्थान माना जाता है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। इसलिए, शमी के वृक्ष की पूजा करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
प्र: राजस्थान के प्रमुख संत तथा उनके द्वारा स्थापित सम्प्रदायों के सम्बन्ध में कौन से युग्म सही हैं?
A. रामचरणजी - राम स्नेही सम्प्रदाय (शाहपुरा)
B. लालगिरिजी - अलखिया सम्प्रदाय
C. हरिदासजी - निरंजनी सम्प्रदाय
D. संतदासजी - गूदंड़ सम्प्रदाय
अपने उत्तर निम्न कूटों की सहायता से दीजिए :
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62a0888c94471d207367d42e- 1मात्र A और C सही हैं।false
- 2मात्र A और B सही हैं।false
- 3मात्र A , C और D सही हैं।false
- 4A , B , C और D सभी युग्म सही हैं।true
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उत्तर : 4. "A , B , C और D सभी युग्म सही हैं। "
व्याख्या :
सभी युग्म सही हैं।
A. रामचरणजी - राम स्नेही सम्प्रदाय (शाहपुरा)
B. लालगिरिजी - अलखिया सम्प्रदाय
C. हरिदासजी - निरंजनी सम्प्रदाय
D. संतदासजी - गूदंड़ सम्प्रदाय
प्र: सेन (नाई) समाज की कुलदेवी के रूप में प्रसिद्ध लोक - देवी कौन हैं?
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62a087e394471d207367d27a- 1शीतला माताfalse
- 2आई माताfalse
- 3घेवर माताfalse
- 4नारायणी माताtrue
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उत्तर : 4. "नारायणी माता "
व्याख्या :
1. राजस्थान में लोक देवी—देवताओं के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं।
2. इनमें करणी माता, जीण माता, भृतहरि जी, गोगा जी, पाबूजी और नारायणी माता आदि प्रमुख हैं।
3. नारायणी माता का मंदिर इस खास वजह से प्रसिद्ध है, क्योंकि सैन समाज इसे अपनी कुलदेवी मानता है।
4. अलवर जिले में विश्वप्रसिद्ध भानगढ़ के किले से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर नारायणी माता का मन्दिर स्थित है।
प्र: निम्न में से कौन दादू पंथ की शाखाओं में सम्मिलित नहीं है?
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62a08737cae9f820bae56bb6- 1विरक्तfalse
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- 4नागाfalse
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उत्तर : 3. "गौड़ीय "
व्याख्या :
दादू पंथ की शाखाएं
दादूजी की मृत्यु के बाद दादू पंथ 6 शाखाओं में बंट गया था, जो निम्न हैं।
1. खालसा - यह दादू सम्प्रदाय की प्रधान पीठ नरैना से सम्बद्ध है। इस शाखा के मुखिया इनके पुत्र गरीबदास जी थे।
2. नागा - दादू सम्प्रदाय में नागापंथ की स्थापना संत सुन्दरदास जी ने की। नागा साधु अपने साथ हथियार रखते थे तथा जयपुर राज्य में दाखिली सैनिक के रूप में कार्य करते थे। जब इनके आतंक से जनता परेशान हो गई तो सवाई जयसिंह ने एक नियम बनाकर इनके शस्त्र रखने पर पाबंदी लगा दी।
3. विरक्त - ये रमते-फिरते दादू पंथी साधु थे जो गृहस्थियों को आदेश देते थे।
4. खाकी - ये शरीर पर भस्म लगाते थे तथा खाकी वस्त्र पहनते थे।
5. उत्तरादे - जो राजस्थान छोड़कर उत्तरी भारत की ओर चले गए थे।
6. निहंग - वे साधु जो घुमन्तु थे।