Rajasthan GK Practice Question and Answer

Q:

चारबैत क्या है? 

742 0

  • 1
    नाथ समुदाय से जुड़ा प्रसिद्ध नृत्य
    Correct
    Wrong
  • 2
    गैर नृत्य के साथ प्रयुक्त वाद्य
    Correct
    Wrong
  • 3
    गरासिया जनजाति से जुड़ा गीत
    Correct
    Wrong
  • 4
    काव्य से भरपूर एक लोकनाट्य विधा
    Correct
    Wrong
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Answer : 4. "काव्य से भरपूर एक लोकनाट्य विधा "
Explanation :

1. चारबैत एक 400 साल पुरानी पारंपरिक प्रदर्शन कला है, जिसे कलाकारों या गायकों के एक समूह द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। चारबैत या चार श्लोक लोककथाओं और प्रदर्शन कला का एक रूप है।

2. यह आज भी मुख्य रूप से रामपुर (उत्तर प्रदेश), टोंक (राजस्थान), भोपाल (मध्य प्रदेश) और हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) में जीवित है।

3. चारबैत शब्द की उत्पत्ति का पता फ़ारसी भाषा में लगाया जा सकता है जहाँ यह चार-श्लोक कविता को संदर्भित करता है जिसमें प्रत्येक छंद चार पंक्तियों से बना होता है।

Q:

'पाबूजी की फड़' में भोपा द्वारा प्रयोग किया जाने वाला लोकवाद्य है 

3935 0

  • 1
    रावण हत्था
    Correct
    Wrong
  • 2
    कुण्डी
    Correct
    Wrong
  • 3
    मंजीरा
    Correct
    Wrong
  • 4
    पूँगी
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 1. "रावण हत्था "
Explanation :

1. 'पाबूजी की फड़' में भोपा द्वारा प्रयोग किया जाने वाला लोकवाद्य रावणहत्था है। यह एक प्रकार का वाद्य यंत्र है जो एक नारियल की कटोरी से बना होता है। इस कटोरी के नीचे एक छेद होता है और इस छेद में एक लकड़ी का डंडा होता है। भोपा इस डंडे को बजाकर 'पाबूजी की फड़' गाते हैं।

2. 'पाबूजी की फड़' राजस्थान के लोक देवता पाबूजी के जीवन और वीरता का वर्णन करती है। यह एक प्रकार की लोक चित्रकला है जो एक कपड़े पर बनाई जाती है। 'पाबूजी की फड़' को भोपा द्वारा गाते हुए सुनाया जाता है। भोपा 'पाबूजी की फड़' गाते समय रावणहत्था बजाते हैं।

Q:

राजस्थान के प्रमुख पशु - मेलों तथा उनसे सम्बद्ध स्थलों के विषय में निम्न में से कौन सा युग्म असत्य है?

1014 0

  • 1
    चन्द्रभागा पशु मेला - झालावाड़
    Correct
    Wrong
  • 2
    सारणेश्वर पशु मेला - नागौर
    Correct
    Wrong
  • 3
    तिलवाड़ा पशु मेला - बाडमेर
    Correct
    Wrong
  • 4
    जसवन्त पशु मेला - भरतपुर
    Correct
    Wrong
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Answer : 2. "सारणेश्वर पशु मेला - नागौर"
Explanation :

राजस्थान के प्रमुख पशु - मेलों के संबंध युग्म सत्य है।

( 1 ) चन्द्रभागा पशु मेला - झालावाड़

( 2 ) सारणेश्वर पशु मेला - सिरोही

( 3 ) तिलवाड़ा पशु मेला - बाडमेर

( 4 ) जसवन्त पशु मेला - भरतपुर

Q:

प्रसिद्ध घोटिया अम्बा का मेला राजस्थान के किस जिले से सम्बद्ध है? 

693 0

  • 1
    सीकर
    Correct
    Wrong
  • 2
    बाँसवाड़ा
    Correct
    Wrong
  • 3
    झालावाड़
    Correct
    Wrong
  • 4
    जालौर
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 2. "बाँसवाड़ा "
Explanation :

घोटिया अम्बा मेला बाँसवाड़ा, राजस्थान में लगता है। राजस्थान में बेणेश्वर के अलावा एक और बड़ा 'घोटिया अम्बा मेला' है, जो बांसवाड़ा जिले में घोटिया नामक स्थान पर चैत्र की अमावस्या को भरता है।

Q:

खेजड़ी वृक्ष (शमी वृक्ष) की पूजा का प्रावधान किस पर्व से जुड़ा है? 

716 0

  • 1
    गणगौर पर्व
    Correct
    Wrong
  • 2
    दीपावली पर्व
    Correct
    Wrong
  • 3
    दशहरा पर्व
    Correct
    Wrong
  • 4
    पर्यूषण पर्व
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 3. "दशहरा पर्व "
Explanation :

1. खेजड़ी वृक्ष (शमी वृक्ष) की पूजा का प्रावधान दशहरे पर्व से जुड़ा है। दशहरे के दिन, शमी के वृक्ष की पूजा करने से पापों का नाश होता है और विजय की प्राप्ति होती है। इस दिन, शमी के वृक्ष के नीचे पूजा की जाती है और शमी के पत्तों को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

2. शमी के वृक्ष को हिंदू धर्म में एक पवित्र वृक्ष माना जाता है। इस वृक्ष को शनि देव का निवास स्थान माना जाता है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। इसलिए, शमी के वृक्ष की पूजा करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

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Answer : 4. "A , B , C और D सभी युग्म सही हैं। "
Explanation :

सभी युग्म सही हैं।

A. रामचरणजी - राम स्नेही सम्प्रदाय (शाहपुरा)

B. लालगिरिजी - अलखिया सम्प्रदाय

C. हरिदासजी - निरंजनी सम्प्रदाय

D. संतदासजी - गूदंड़ सम्प्रदाय

Q:

सेन (नाई) समाज की कुलदेवी के रूप में प्रसिद्ध लोक - देवी कौन हैं? 

947 0

  • 1
    शीतला माता
    Correct
    Wrong
  • 2
    आई माता
    Correct
    Wrong
  • 3
    घेवर माता
    Correct
    Wrong
  • 4
    नारायणी माता
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 4. "नारायणी माता "
Explanation :

1. राजस्थान में लोक देवी—देवताओं के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं।

2. इनमें करणी माता, जीण माता, भृतहरि जी, गोगा जी, पाबूजी और नारायणी माता आदि प्रमुख हैं।

3. नारायणी माता का मंदिर इस खास वजह से प्रसिद्ध है, क्योंकि सैन समाज इसे अपनी कुलदेवी मानता है।

4. अलवर जिले में विश्वप्रसिद्ध भानगढ़ के किले से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर नारायणी माता का मन्दिर स्थित है।

Q:

निम्न में से कौन दादू पंथ की शाखाओं में  सम्मिलित नहीं है? 

1078 0

  • 1
    विरक्त
    Correct
    Wrong
  • 2
    खाकी
    Correct
    Wrong
  • 3
    गौड़ीय
    Correct
    Wrong
  • 4
    नागा
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 3. "गौड़ीय "
Explanation :

दादू पंथ की शाखाएं

दादूजी की मृत्यु के बाद दादू पंथ 6 शाखाओं में बंट गया था, जो निम्न हैं।

 1. खालसा - यह दादू सम्प्रदाय की प्रधान पीठ नरैना से सम्बद्ध है। इस शाखा के मुखिया इनके पुत्र गरीबदास जी थे।

 2. नागा - दादू सम्प्रदाय में नागापंथ की स्थापना संत सुन्दरदास जी ने की। नागा साधु अपने साथ हथियार रखते थे तथा जयपुर राज्य में दाखिली सैनिक के रूप में कार्य करते थे। जब इनके आतंक से जनता परेशान हो गई तो सवाई जयसिंह ने एक नियम बनाकर इनके शस्त्र रखने पर पाबंदी लगा दी।

 3. विरक्त - ये रमते-फिरते दादू पंथी साधु थे जो गृहस्थियों को आदेश देते थे।

 4. खाकी - ये शरीर पर भस्म लगाते थे तथा खाकी वस्त्र पहनते थे।

 5. उत्तरादे - जो राजस्थान छोड़कर उत्तरी भारत की ओर चले गए थे।

 6. निहंग - वे साधु जो घुमन्तु थे।

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