Rajasthan GK प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: किस दुर्ग को अबुल फजल ने बख्तरबंद दुर्ग कहा था
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6163f2688c5cc30e6058abb4- 1चित्तोड़true
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उत्तर : 1. "चित्तोड़"
व्याख्या :
1. रणथंभौर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक किला और राष्ट्रीय उद्यान है। यह किला 10वीं शताब्दी में चौहान राजपूतों द्वारा निर्मित किया गया था। यह किला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
2. रणथंभौर किला एक विशाल और मजबूत किला है। यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। किले की दीवारें बहुत मोटी और मजबूत हैं। किले के अंदर कई मंदिर, महल, और अन्य इमारतें हैं।
3. रणथम्भौर दुर्ग की सुदृढ़ नैसर्गिक सुरक्षा व्यवस्था से प्रभावित होकर अबुल फजल ने लिखा कि “अन्य सब दुर्ग नग्न हैं, जबकि यह दुर्ग बख्तरबंद है"।
प्र: किस प्रसिद्ध दुर्ग की सुदृढ़ नैसर्गिक सुरक्षा व्यवस्था से प्रभावित होकर अबुल फजल ने लिखा कि “अन्य सब दुर्ग नग्न हैं , जबकि यह दुर्ग बख्तरबंद है"?
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62a22f82df19be4c4afd1480- 1रणथम्भौरtrue
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उत्तर : 1. "रणथम्भौर "
व्याख्या :
1. रणथंभौर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक किला और राष्ट्रीय उद्यान है। यह किला 10वीं शताब्दी में चौहान राजपूतों द्वारा निर्मित किया गया था। यह किला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
2. रणथंभौर किला एक विशाल और मजबूत किला है। यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। किले की दीवारें बहुत मोटी और मजबूत हैं। किले के अंदर कई मंदिर, महल, और अन्य इमारतें हैं।
3. रणथम्भौर दुर्ग की सुदृढ़ नैसर्गिक सुरक्षा व्यवस्था से प्रभावित होकर अबुल फजल ने लिखा कि “अन्य सब दुर्ग नग्न हैं, जबकि यह दुर्ग बख्तरबंद है"।
प्र: परमार राजाओं द्वारा निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध अथूणा (अर्थपूर्णा) नगर राजस्थान के किस जिले में स्थित है?
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62a22e8143a7fd0b22512a18- 1बाँसवाड़ाtrue
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उत्तर : 1. "बाँसवाड़ा "
व्याख्या :
1. राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित छोटे से गाँव अरथूना में हिंदू धर्म, संस्कृति और ध्यान का महत्वपूर्ण संगम है।
2. इस स्थान पर कई सदियों से इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिकता का साथ है. इस क्षेत्र की प्राचीन धरोहर यहां की सामृद्ध विरासत के रूप में मौजूद है।
प्र: ' खोयतू ' वस्त्र सम्बन्धित है
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62a0a637cae9f820bae5fe22- 1मीणा जनजाति सेfalse
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उत्तर : 2. "भील जनजाति से "
व्याख्या :
1. खोयतू एक प्रकार का पारंपरिक राजस्थानी वस्त्र है जो मुख्य रूप से मेवाड़ क्षेत्र में पहना जाता है। यह एक लंबा, ढीला-ढाला, बिना आस्तीन का वस्त्र होता है जो आमतौर पर सफेद रंग का होता है। खोयतू को आमतौर पर पुरुष और महिलाएं दोनों पहनते हैं, लेकिन यह पुरुषों के बीच अधिक लोकप्रिय है।
2. 'खोयतू ' वस्त्र सम्बन्धित भील जनजाति से है। प्र: मेवाड़ महाराणा के पगड़ी बाँधने वाला व्यक्तिकहलाता था
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62a0a487df19be4c4af807e0- 1पानेरीfalse
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उत्तर : 3. "छाबदार "
व्याख्या :
1. राजस्थान में पुरूष सिर पर साफा बांधते रहे हैं। साफा सिर्फ एक पहनावा नहीं है। राजस्थान में नौ माह लगभग गर्मी पड़ती है और तीन माह तेज गर्मी पड़ती है। ऐसे में साफे की कई परतें सिर को लू के थपेड़ों और तेज धूप से बचाती हैं। राजस्थान वीरों की भूमि भी रही है। यदा कदा यहां भूमि और आन के युद्ध से भी गुजरना पड़ता था। ऐसे में आपात प्रहार से बचने में भी साफा रक्षा का काम किया करता था।
2. मेवाड़ महाराणा की पगड़ी बांधने वाला छाबदार कहलाता था।
प्र: निम्न को सुमेलित कीजिए
सूची -1 ( रामस्नेही सम्प्रदाय की शाखा ) सूची II ( स्थापनाकर्ता)
( 1 ) शाहपुरा ( i ) संत हरिराम दास जी
( 2 ) सिंहथल ( ii ) संत रामदास जी
( 3 ) खेडापा ( iii ) संत दरियाव जी
( 4 ) रेण ( iv ) संत रामचरण जी
कूट - 800 061ef8e4fc27fce61614858d5
61ef8e4fc27fce61614858d5- 1( 1 )- ( ii ), ( 2 ) - ( iii ), ( 3 ) - ( iv ), (4) - ( i )false
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उत्तर : 3. "( 1 )- ( iv ), ( 2 ) - ( i ), ( 3 ) - ( ii ), (4) - ( iii ) "
व्याख्या :
सभी सूची सुमेलित हैं।
( 1 ) शाहपुरा ( iv ) संत रामचरण जी
( 2 ) सिंहथल ( i ) संत हरिराम दास जी
( 3 ) खेडापा ( ii ) संत रामदास जी
( 4 ) रेण ( iii ) संत दरियाव जी
प्र: बीजा और माला उपजातियाँ किस जनजाति से सम्बद्ध उपजातियाँ हैं?
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62a0974603a63656a29c5cab- 1सांसीtrue
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उत्तर : 1. "सांसी "
व्याख्या :
1. बीजा और माला उपजातियाँ सांसी जनजाति से सम्बद्ध उपजातियाँ हैं।
2. उनका एक दोहरा संगठन है और उन्हें 'बीजा' और 'माला' नामक शाखाओं में बांटा गया है, दोनों एक-दूसरे के साथ नहीं बल्कि आपस में शादी करते हैं।
3. उनमें से अधिकांश हिंदू धर्म को मानते हैं।
4. उनकी भाषा सांसीबोली या भीलकी है।
5. ब्रिटिश शासन के दौरान उन्हें आपराधिक जनजाति अधिनियम 1871 के तहत रखा गया था, इसलिए लंबे समय तक उन्होंने यह कलंक झेला है।
प्र: निम्न में से कौन सी संस्था कठपुतली कला के राजस्थान में संरक्षण - संवर्धन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिए जानी जाती है?
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62a096a4cae9f820bae59f76- 1इंडियन आर्ट पैलेस, दिल्लीfalse
- 2सार्दूल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट, बीकानेरfalse
- 3भारतीय लोक कला मंडल, उदयपुरtrue
- 4राजस्थानी शोध संस्थान, जोधपुरfalse
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उत्तर : 3. "भारतीय लोक कला मंडल, उदयपुर "
व्याख्या :
1. भारतीय लोक कला मंडल राजस्थान में कठपुतली कला के संरक्षण और संवर्धन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है। यह संस्था 1952 में उदयपुर में स्थापित की गई थी। इसका उद्देश्य लोक कलाओं, प्रदर्शन कलाओं और कठपुतलियों के क्षेत्र में ज्ञान और शोध को बढ़ावा देना है।
2. भारतीय लोक कला मंडल कठपुतली कला के विभिन्न रूपों को संरक्षित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करता है। इनमें कठपुतली कलाकारों का प्रशिक्षण, कठपुतली नाटकों का प्रदर्शन और कठपुतली कला पर शोध करना शामिल है।