चिर जीवो, जोरी जुरे, क्यों न सनेह गंभीर।
को पटि या वृषभानुजा, वे हलधर के बीर।।
निम्नलिखित में से कौनसा अल्पप्राण व्यंजन है?
625 0611f40b95e515f6c57546002प्रस्तुत गद्यांश को पढ़िए और उचित विकल्पों का चयन करके उत्तर दीजिये –
19वीं शताब्दी से पहले मानव और पशु दोनों की आबादी भोजन की उपलब्धता तथा प्राकृतिक विपदाओं आदि के कारण सीमित रहती थी । कालांतर में जब औद्योगिक क्रांति के कारण मानव सभ्यता की समृद्धि में भारी वृद्धि हुई तब उसके परिणामस्वरूप कई पश्चिमी देश ऐसी बाधाओं से लगभग अनिवार्य रूप से मुक्त हो गए । इससे वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया कि अब मानव जनसंख्या विस्फोटक रूप से बढ़ सकती है। परंतु इन देशों में परिवारों का औसत आकार घटने लगा था और जल्दी ही समृद्धि और प्रजनन के बीच एक उल्टा संबंध प्रकाश में आ गया था।
जीव विज्ञानियों ने मानव समाज की तुलना जानवरों की दुनिया से कर इस संबंध को समझाने की कोशिश की और कहा कि ऐसे जानवर जिनके अधिक बच्चे होते हैं वह अधिकतर प्रतिकूल वातावरण में रहते हैं और यह वातावरण प्रायः उनके लिए प्राकृतिक खतरों से भरे रहते हैं क्योंकि इनकी संतानों के जीवित रहने की संभावना कम होती है। इसलिए कई संतानें पैदा करने से यह संभावना बढ़ जाती है कि उनमें कम से कम एक या दो जीवित रहेंगे ।इसके विपरीत जिन जानवरों के बच्चे कम होते हैं वे स्थिर और अनुकूल वातावरण में रहते हैं। ठीक इसी प्रकार यदि समृद्ध वातावरण में रहने वाले लोग केवल कुछ ही बच्चे पैदा करते हैं तो उनके यह कम बच्चे उन बच्चों को पछाड़ देंगे जिनके परिवार इतनी समृद्ध नहीं थे तथा इनकी आपस की प्रतिस्पर्धा भी कम होगी।
इस सिद्धांत के आलोचकों का तर्क है कि पशु और मानव व्यवहार की तुलना नहीं की जा सकती । इसके बजाय यह तर्क देते हैं कि सामाजिक दृष्टिकोण में परिवर्तन इस घटना को समझाने के लिए पर्याप्त है। श्रम आश्रित परिवारों में बच्चों की बड़ी संख्या एक वरदान के समान होती है। वे जल्दी काम कर परिवार की आय बढ़ाते हैं। जैसे जैसे समाज समृद्ध होता जाता है वैसे वैसे बच्चे जीवन के लगभग पहले 25 से 30 सालों तक शिक्षा ग्रहण करते हैं। जीवन के प्रारंभिक वर्षों में उर्वरता अधिक होती है तथा देर से विवाह के कारण संतानों की संख्या कम हो जाने की संभावना बनी रहती है
अंतिम अनुच्छेद निम्नलिखित में से कौन सा कार्य करता है ?
635 0626f9e80e1e2a840c35a6f17बैठि रही अति सघन वन, पेठि सदन तन माह।
देखि दुपहरी जेठ की, छाँहोचाहति छाँह।।
पंक्तियों में शब्द शक्ति है-
लक्षणा शब्द शक्ति का लक्षण नहीं है-
517 063c91141be373f6c954b2beaपावन पाय पखारि के नाव चढ़हही, आयसु होत कहा है।
तुलसी सुनि केवट के बर हँसे प्रभु जानकी ओर हहा है।।
पंक्तियों में शब्द शक्ति है-
देश की नाव मंझधार में है।
पंक्तियों में शब्द शक्ति है-
किस विकल्प में Endorsement' का 'समकक्ष हिन्दी पारिभाषिक शब्द' नहीं है?
498 063ad6016fb04114b2d468e9f