देखि दुपहरी जेठ की, छाँहोचाहति छाँह।।पंक्तियों में शब्द शक्ति है-
बैठि रही अति सघन वन, पेठि सदन तन माह।देखि दुपहरी जेठ की, छाँहोचाहति छाँह।।पंक्तियों में शब्द शक्ति है-
‘गवैया' शब्द में कौन सा प्रत्यय है।
‘वाक् + मय’ का संधि रूप है
'विषैला' शब्द में प्रत्यय है
'मधुर' विशेषण से बनी भाववाचक संज्ञा है
'महापुरुष' में कौन - सा समास है?