राजस्थान में सीताबाड़ी का मेला किस कस्बे के निकटआयोजित होता है?
(A) नोखा
(B) तिलवाड़ा
(C) केलवाड़ा
(D) कोलायत
निम्न में से किस पर्व के दिन अजमेर की निम्बार्क पीठ 'सलेमाबाद' में मेला भरता है?
(A) गोगा नवमी
(B) राधाष्टमी
(C) दीपावली
(D) नवरात्रा
धुलेव में स्थित प्रसिद्ध मन्दिर, जैन धर्म के किस तीर्थंकर को समर्पित है?
(A) महावीर
(B) पार्श्वनाथ
(C) शांतिनाथ
(D) ऋषभदेव
1. धुलेव में स्थित प्रसिद्ध मन्दिर, जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव को समर्पित है। इस मंदिर को "केसरियाजी" या "केसरियानाथ" के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर अरावली पर्वतमाला की कंदराओं के मध्य कोयल नदी के किनारे पर स्थित है। यह मंदिर जैन धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
2. इस मंदिर में भगवान ऋषभदेव की काले पत्थर की बनी प्रतिमा स्थापित है। भगवान ऋषभदेव को हिंदू विष्णु का आठवां अवतार भी माना जाता है। इस मंदिर को मेवाड़ के चार मुख्य धार्मिक संस्थाओं में से एक माना जाता है।
राजस्थान की 'बनास संस्कृति' संबद्ध है-
(A) नवपाषाण काल से
(B) पुरापाषाण काल से
(C) मध्यपाषाण काल से
(D) ताम्रपाषाण काल से
1. राजस्थान की 'बनास संस्कृति' ताम्रपाषाण काल से सम्बंधित है।
2. बनास संस्कृति (2600 ईसा पूर्व - 1900 ईसा पूर्व): यह दक्षिण-पूर्व राजस्थान में बनास नदी की घाटी में विकसित हुई। इसकी प्रमुख स्थली यूक्रेन के बाहरी इलाके में अहार स्थित है, इसलिए इसे अहार संस्कृति के नाम से भी जाना जाता है।
चित्रकला शैली ‘बणी-ठणी’ सम्बंधित है
(A) सतवन्त प्रसाद
(B) नागरीदास
(C) मृगावती
(D) शिव-पार्वती
“आदिवासियों का कुम्भ'' किस मेले को कहा जाता है?
(A) बाणगंगा का मेला
(B) पुष्कर का मेला
(C) सरसुरा का मेला
(D) बेणेश्वर मेला
दादू पंथ की प्रमुख पीठ स्थित है -
(A) आमेर
(B) नरैना
(C) मण्डोर
(D) करौली
देलवाड़ा के जैन मन्दिरों का निर्माण निम्नलिखित में से किसने करवाया था?
(A) नेमीनाथ
(B) विमल शाह
(C) आदिनाथ
(D) भीम शाह
नाथद्वारा का मूल नाम था?
(A) बनेड़ा
(B) कानोड़
(C) सिहाड़
(D) बेदला
स्वामी दयानंद सरस्वती ने ' सत्यार्थ प्रकाश को कहाँ लिखा था ?
(A) अलवर में
(B) जोधपुर में
(C) अजमेर में
(D) उदयपुर में
1. आर्य समाज भारत में एक एकेश्वरवादी हिंदू सुधार आंदोलन है जो वेदों के अचूक अधिकार में विश्वास के आधार पर सिद्धांतों और प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
2. महर्षि दयानंद सरस्वती ने 10 अप्रैल, 1875 को समाज की स्थापना की।
3. आर्य समाज इस मान्यता का पालन करता है कि केवल एक ही ईश्वर है और उसकी मूर्ति पूजा उचित नहीं है।
4. आर्य समाज अभियोजन को बढ़ावा देने वाला पहला हिंदू संगठन था।
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