Rajasthan Geography Practice Question and Answer
8 Q: पूर्वी बेसिन मैदान का भाग नहीं है ?
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Answer : 4. "लूनी बेसिन "
Explanation :
1. पूर्वी मैदान प्रदेश : विस्तार - राजस्थान में 50 cm वर्षा रेखा से पूर्व में स्थित प्रदेश को पूर्वी मैदानी प्रदेश के नाम से जाना जाता है | यह प्रदेश नदियों के द्वारा निर्मित है, इसी कारण से इसे नदी निर्मित बेसिन या प्रदेश कहा जाता है।
2. पूर्वी मैदान को मुख्य रूप से तीन भागो में बांटा गया है।
- चंबल नदी बेसिन
- बनास नदी बेसिन
- माही नदी बेसिन
Q: हाडोती प्रदेश राजस्थान के कितने प्रतिशत क्षेत्रफल में स्थित है ?
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Answer : 4. "9.6 %"
Explanation :
1. राजस्थान का दक्षिणी-पूर्वी भाग एक पठारी भाग है, जिसे 'दक्षिणी-पूर्वी पठार एवं हाडौती के पठार' के नाम से जाना जाता है। यह मालवा के पठार का विस्तार है |
2. इस क्षेत्र की औसत ऊँचाई 500 मीटर है तथा यहाँ अर्द्ध-चन्द्राकार रूप में पर्वत श्रेणियों का विस्तार है जो क्रमशः बूंदी और मुकुन्दवाड़ा की पहाड़ियों के नाम से जानी जाती है। यहाँ चम्बल नदी और इसकी प्रमुख सहायक कालीसिंह, परवन और पार्वती नदियाँ प्रवाहित है, उनके द्वारा निर्मित मैदानी प्रदेश कृषि के लिये उपयुक्त है।
3. दक्षिणी - पूर्वी पठार प्रदेश (हाडौती के पठार) प्रमुख विशेषता -
- इस क्षेत्र में राज्य की 11 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
- दक्षिण पूर्वी पठारी प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का 9.6 प्रतिशत है।
- इसका विस्तार भीलवाड़ा, फोटो, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों में है।
- यह पठारी भाग अरावली और विंध्याचल पर्वत के बीच संक्रान्ति प्रदेश है।
- इस प्रदेश में लावा मिश्रित शैल एवं विन्ध्य शैलों का सम्मिश्रण है।
Q: पिंड मांड मैदान किस बेसिन में स्थित है ?
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61d57cc7c5943251cae73980- 1लूनी - माही बेसिनfalse
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Answer : 4. "बनास बाण गंगा बेसिन "
Explanation :
1. पिंड मांड मैदान बनास - बाण गंगा बेसिन में स्थित है।
2. पिंड मांड मैदान : अरावली पर्वत श्रेणी में देवगढ़ (राजसमंद) के पास का निर्जन का टीलेनुमा भाग पिंड मांड मैदान कहलाता हैं।
Q: मारवाड़ और मेवाड़ को जोड़ने वाला दर्रा निम्न में से कौन सा है ?
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61d57aa80fa28f69059d2a72- 1जीलवा की नालtrue
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Answer : 1. "जीलवा की नाल "
Explanation :
राजस्थान में अरावली पर्वतमाला के प्रमुख दर्रे-
1. ढ़ेभर नाल – उदयपुर
2. केवड़ा की नाल- उदयपुर
3. फुलवारी की नाल- उदयपुर
4. हाथी नाल- उदयपुर
5. हाथी गुढा की नाल- राजसमंद
6. पगल्या/जीलवा/ चीरवा की नाल - राजसमन्द और पाली
7. खमली घाट/ कमली घाट- राजसमन्द
8. गोरम घाट- राजसमन्द
Q: जरगा से रागा पहाड़ियों के मध्य सदैव हरा भरा क्षेत्र कहलाता है?
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61d576c20fa28f69059d13fe- 1गिरवाfalse
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Answer : 2. " देशहरो "
Explanation :
1. गिरवा : उदयपुर में चारों ओर पहाड़ीयाँ होने के कारण उदयपुर की आकृति एक तश्तरीनुमा बेसिन जैसी है जिसे स्थानीय भाषा में गिरवा कहते है।
2. देशहरो: उदयपुर में जरगा (उदयपुर) व रागा (सिरोही) पहाड़ीयों के बीच का क्षेत्र सदा हरा भरा रहने के कारण देशहरो कहलाता है।
3. देवल/ मेवल : डुंगरपुर व बांसवाड़ा के मध्य का भाग।
4. भैंसरोड़गढ़ किला : भैंसरोड़गढ़ किला या भैंसरोड़ किला एक प्राचीन किला है जो भारत के राजस्थान राज्य में एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है।
Q: भगत भील आंदोलन के लिए कौन सा पठार प्रसिद्ध है ?
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61d550ede7cc0851e098b8c0- 1मेसा का पठार पठारfalse
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Answer : 2. "भोमट पठार "
Explanation :
1. भगत आंदोलन राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में फैला हुआ भोमट पठार पर हुआ था।
2. यह आंदोलन मुख्य रूप से भील जनजाति के किसानों द्वारा शुरू किया गया था।
3. सरजी भगत और गोविंद गुरु ने मिलकर शुरू किया था।
- सन् 1883 ई. में गोविंद गिरी ने सम्प सभा की स्थापना की, जिसका प्रथम अधिवेशन 1903 ई . में मानगढ़ की पहाड़ियों पर हुआ।
-1913 में, मानगढ़ की पहाड़ी पर एक सभा से घिरी अश्विन शुक्ल पूर्णिमा पर मेवाड़ भील वाहिनी ने गोलियां चलाईं , जिसमें 1500 से अधिक भील मारे गए।
- मेवाड़ भील कोर की स्थापना 1841 ई. में खैरवाड़ा में हुई थी।
4. यहां आज भी अश्विन शुक्ल पूर्णिमा मेला लगता है।
Q: ज्वालामुखी क्रिया द्वारा निर्मित गुम्बदाकार आंतरिक स्थल रूप क्या कहलाता है ?
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61d54e7fe7cc0851e098ae3a- 1बेथोलिथtrue
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Answer : 1. "बेथोलिथ "
Explanation :
1. ज्वालामुखी क्रिया द्वारा निर्मित गुम्बदाकार आंतरिक स्थल रूप बेथोलिथ कहलाता है।
2. ज्वालामुखी की क्रिया में पृथ्वी के आंतरिक भाग में मैग्मा तथा गैस के निर्माण से पृथ्वी के भूपर्पटी पर आने वाले लावा तथा इससे हुए स्थलाकृतियों के निर्माण तक की प्रक्रिया सम्मिलित है। मैग्मा में सिलिका की मात्रा के आधार पर ज्वालामुखी की विस्फोटकता निर्धारित होती है।
3. ज्वालामुखी का सक्रियता के आधार पर वर्गीकरण -
- सक्रिय ज्वालामुखी : ऐसे ज्वालामुखी जिनसे लावा,गैस तथा विखडिंत पदार्थ सदैव निकलते रहते हैं, सक्रिय ज्वालामुखी कहलाते हैं। स्ट्राम्बोली (सिसली), एट्ना (इटली) कोटोपैक्सी (इक्वाडोर),बैरन द्वीप (अंडमान निकोबार,भारत) अदि सक्रीय ज्वाला मुखी के उदहारण हैं।
- सुषुप्त ज्वालामुखी : इस श्रेणी में वे ज्वालामुखी आते हैं जो वर्षो से सक्रिय नहीं परन्तु कभी भी विस्फोट कर सकते हैं। इस श्रेणी में इंडोनेशिया का क्राकाताओ तथा अंडमान का नारकोंडम द्वीप सम्मिलित हैं।
- मृत ज्वालामुखी : इस श्रेणी में वे ज्वालामुखी सम्मिलित हैं जिनमे हजारो वर्षो से कोई भी उद्भेदन नहीं हुआ है। इक्वाडोर का चिम्बाराजो, ईरान का कोहसुल्तान इसके प्रमुख उदहारण हैं।
Q: सेवण घास किस जिले में विस्तृत रूप से उगती है?
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638e1cee34f83f1472917be3- 1बाड़मेरfalse
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Answer : 3. " जैसलमेर"
Explanation :
1. सेवण घास जैसलमेर जिले में विस्तृत रूप से उगती है।
2. देश में मुख्यतया पश्चिम राजस्थान के शुष्क क्षेत्रों में पायी जाती है।
3. यह घास अच्छे विकसित जड़- राइजोम्स तंत्र के कारण सूखा सहन कर सकती है।
4. जिससे कम वर्षा वाले क्षेत्रों की रेतीली भूमि में आसानी से उगती है ।
5. इसका चारा जानवरों के लिए पाचक व पोषक होता है ।