कौनसा पुरातात्विक स्थल 'ताम्रवती' नाम से जाना जाता था?
622 0638757af53e4f66177329ca4आहड़ पुरातात्विक स्थल को प्राचीनकाल में 'ताम्रवती' नाम से जाना जाता था। यह पुरातात्विक स्थल राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है। यह स्थल आहड़ नदी के तट पर स्थित है। आहड़ संस्कृति एक ताम्रपाषाणकालीन संस्कृति है, जो ईसा पूर्व 3000 से ईसा पूर्व 1500 तक फली-फूली। यह सिंधु घाटी सभ्यता के समीपवर्ती और समकालीन है। इसे बनास संस्कृति भी कहते हैं।
निम्नलिखित में से किस षड़यंत्र केस में प्रतापसिंह बारहठ को कारावास दिया गया?
517 063ff805f0fa4111f8712e10fस्वतंत्रता संग्राम में अमिट छाप छोड़ने वाले शहीद कुंवर प्रतापसिंह बारहठ को जोधपुर के आशा नाडा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार करके अंग्रेज हुकूमत ने मुकदमा चलाया। 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा दी और बरेली सेंट्रल जेल भेज दिया था। जहां यातनाओं के चलते उनका निधन हो गया।
प्रताप सिंह बारहठ को बनारस काण्ड के संदर्भ में गिरफ्तार किया गया और सन 1917 में बनारस षड़यंत्र अभियोग चलाकर उन्हें 5 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा हुई।
'चिड़ावा का गांधी' किसे कहा गया है?
1072 062ebd811ceafbe581b7c8505"चिड़ावा का गांधी" मास्टर प्यारेलाल गुप्ता को कहा जाता है। वे राजस्थान के झुंझुनू जिले के चिड़ावा कस्बे के रहने वाले थे। वे एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और शिक्षाविद थे। उन्होंने चिड़ावा में अमर सेवा समिति की स्थापना की और एक स्कूल खोला। वे गांधी जी के विचारों और आदर्शों के प्रचार-प्रसार में जुटे रहे।
सुनारी सभ्यता के अवशेष राजस्थान के किस जिले से प्राप्त हुए हैं?
1101 0638751eb53e4f66177325c241. सुनारी सभ्यता के सभी घर सबसे पुराने लौह अयस्क पिघलने वाली भट्टियों के साथ बनाए गए हैं।
2. सुनारी सभ्यता का संबंध लौह युग से है।
3. सुनारी राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक छोटा सा गाँव है।
4. यह कांतिल नदी तट के पास स्थित है।
5. सुनारी सभ्यता के लोग ज्यादातर चावल और घोड़ों का इस्तेमाल करते थे जिन्हें आर्य वैदिक संस्कृति माना जाता है।
"चिड़ावा का गांधी" किसे कहा गया है?
518 06387518e53e4f6617732593d"चिड़ावा का गांधी" मास्टर प्यारेलाल गुप्ता को कहा जाता है। वे राजस्थान के झुंझुनू जिले के चिड़ावा कस्बे के रहने वाले थे। वे एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और शिक्षाविद थे। उन्होंने चिड़ावा में अमर सेवा समिति की स्थापना की और एक स्कूल खोला। वे गांधी जी के विचारों और आदर्शों के प्रचार-प्रसार में जुटे रहे।
राजौरगढ़ के कलात्मक वैभव किस काल से संबंधित हैं?
570 0638750c1c878936066d72743राजौरगढ़ के कलात्मक वैभव गुर्जर-प्रतिहार युग से संबंधित हैं। राजौरगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में स्थित एक गाँव है। यहाँ स्थित नीलकंठेश्वर शिव मंदिर, राजोर शिलालेख, और अन्य स्मारकों से स्पष्ट है कि यह स्थान गुर्जर-प्रतिहार काल में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र था।
जयपुर का स्थापना वर्ष है-
553 06385f943a72dd915f3172a5d1. जयपुर का स्थापना वर्ष 1727 है। इस शहर की स्थापना महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी। वे कछवाहा वंश के राजा थे। जयपुर को "पिंक सिटी" के नाम से भी जाना जाता है।
2. जयपुर की स्थापना के पीछे कई कारण थे। सबसे महत्वपूर्ण कारण था कि महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय को अपने राज्य की राजधानी को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करना था। जयपुर एक सुरक्षित स्थान पर स्थित था और यह एक समृद्ध व्यापारिक केंद्र भी था।