Rajasthan Art and Culture प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: राजस्थान निवासी उस व्यक्ति का नाम बताइये जिसने 'इन्तकाल पुस्तक की रचना की-
885 062b05715184ea83a638b2aec
62b05715184ea83a638b2aec- 1सुजानसिंह पारिकfalse
- 2इनमें से कोई नहींfalse
- 3शिव चरण सेनtrue
- 4जयसिंह आशावतfalse
- उत्तर देखें
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 3. "शिव चरण सेन "
व्याख्या :
राजस्थान निवासी शिव चरण सेन जिसने इन्तकाल पुस्तक की रचना की थी।
प्र: किशनगंज व शाहबाद में सहरिया जनजाति का कितना प्रतिशत पाया जाता है?
679 0659fb84d32c8dbaa2c4e1962
659fb84d32c8dbaa2c4e1962- 198true
- 295false
- 385false
- 495.20false
- उत्तर देखें
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 1. "98"
व्याख्या :
1. सहरिया राजस्थान में सबसे पिछड़ी अनुसूचित जनजाति है।
2. बाराँ जिले के किशनगंज और शाहबाद तहसील में 98 फीसदी सहरिया आदिवासी रहते हैं।
प्र: सहरिया जनजाति के कुम्भ' के नाम से प्रसिद्ध मेला है-
714 06385eb4149a42a5ac18f1095
6385eb4149a42a5ac18f1095- 1सीताबाड़ी मेलाtrue
- 2नागौर मेलाfalse
- 3डोल मेलाfalse
- 4बेणेश्वर मेलाfalse
- उत्तर देखें
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 1. "सीताबाड़ी मेला"
व्याख्या :
सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा)
यह मेला ज्येष्ठ अमावस्या को भरता है। इस मेले को “सहरिया जनजाति का कुम्भ” कहते है। हाडौती अंचल का सबसे बडा मेला है।
प्र: राजस्थान का 'उत्तर- तोताद्रि' कहलाता है
3026 062b04eff184ea83a638b0be4
62b04eff184ea83a638b0be4- 1मण्डोरfalse
- 2भीनमालfalse
- 3गलताtrue
- 4अबूंद पर्वतfalse
- उत्तर देखें
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 3. "गलता "
व्याख्या :
गलता जी संपूर्ण उत्तर भारत की प्रथम एवं प्रधान जगदगुरु पीठ होने के कारण यह उत्तर तोताद्रि भी कहलाती है।
प्र: भील क्षेत्र में बावजी के नाम से जाने जाते हैं
866 062b041f6cae9f820ba1a43eb
62b041f6cae9f820ba1a43eb- 1भोगीलाल पाण्ड्याfalse
- 2इनमें से कोई नहींfalse
- 3श्री माणिक्यलाल वर्माfalse
- 4मोतीलाल तेजावतtrue
- उत्तर देखें
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 4. "मोतीलाल तेजावत "
व्याख्या :
1. मोतीलाल तेजावत को भील क्षेत्र में बावजी नाम से जाना जाता हैं।
2. मोतीलाल तेजावत एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, आदिवासी नेता और समाज सुधारक थे। उन्हें "आदिवासियों का मसीहा" के रूप में जाना जाता है।
3 तेजावत का जन्म 1886 में राजस्थान के उदयपुर जिले के कोलियारी गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की। बाद में, उन्होंने झाड़ोल ठिकाने में एक स्थानीय जागीदार के यहां कामदार का कार्य किया।
प्र: राजस्थान के एकमात्र शास्त्रीय नृत्य कत्थक के जयपुर घराने के प्रवर्तक माने जाते हैं
765 062a094b5cae9f820bae59582
62a094b5cae9f820bae59582- 1लच्छन महाराजfalse
- 2भानुजी महाराजtrue
- 3बिरजू महाराजfalse
- 4उदयशंकर जीfalse
- उत्तर देखें
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 2. "भानुजी महाराज "
व्याख्या :
1. कथक नृत्य उत्तर भारतीय शास्त्रीय नृत्य है। कथा कहे सो कथक कहलाए। कथक शब्द का अर्थ कथा को नृत्य रूप से कथन करना है। प्राचीन काल मे कथक को कुशिलव के नाम से जाना जाता था।
2. यह कथक का प्राचीनतम घराना है। जयपुर घराने के प्रवर्तक भानु जी (प्रसिद्ध शिव तांडव नर्तक)हैं।
प्र: गुलाल बाई और कृष्णा कुमारी किसके लिए प्रसिद्ध हैं?
3049 063875eb6c878936066d77fed
63875eb6c878936066d77fed- 1स्वांग लोकनाट्यfalse
- 2नौटंकी लोकनाट्यtrue
- 3गवरी लोकनाट्यfalse
- 4ख्याल लोकनाट्यfalse
- उत्तर देखें
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 2. "नौटंकी लोकनाट्य"
व्याख्या :
गुलाल बाई और कृष्णा कुमारी नौटंकी लोकनाट्य लिए प्रसिद्ध हैं।
प्र: राजस्थान में "झोरवा" गीत है -
972 063875e42d766b160a2ebc8a6
63875e42d766b160a2ebc8a6- 1एक विरह गीतtrue
- 2परिवार में गाया जाने वाला एक जन्मोत्सवfalse
- 3वधू विदाई गीतfalse
- 4फसल रोपने के समय गाया जाने वाला गीतfalse
- उत्तर देखें
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 1. "एक विरह गीत"
व्याख्या :
राजस्थान में "झोरवा" गीत एक विरह गीत है। यह एक महिला द्वारा अपने प्रेमी के वियोग में गाया जाता है। इस गीत में महिला अपने प्रेमी के साथ बिताए हुए सुखद समयों को याद करती है और उसके बिना होने के दुख का बखान करती है।