जनगणना 2011 के अनुसार, राजस्थान में लिंगानुपात -
337 0640f0789a37bb1a5e17a07c6जनगणना 2011 के अनुसार, राजस्थान में लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत से 15 बिन्दू कम है।
राजस्थान के किस क्षेत्र में कछारी मृदा का बाहुल्य पाया जाता है ?
736 06130a6656d90724136e204991. निम्नलिखित में से राजस्थान कोटा - बूंदी जिलों के समूह में मुख्यतः कच्छारी मृदा पाई जाती है।
2. इस मिट्टी में कैल्शियम व फास्फेट के तत्वों की कमी एवं नाइट्रोजन व पोटाश की अधिकता पाई जाती है।
3. इसी कारण राजस्थान में सबसे अधिक उपजाऊ मिट्टी जलोढ़ मिट्टी को माना जाता है।
4. इस मिट्टी में मुख्य रूप से सरसों, गेंहू, चावल, कपास, गन्ना आदि का उत्पादन होता है।
राजस्थान के किस जिले का सर्वाधिक क्षेत्र कछारी मृदा का है ?
662 16130a579f9255d7ed3e0b0481. निम्नलिखित में से राजस्थान कोटा - बूंदी जिलों के समूह में मुख्यतः कच्छारी मृदा पाई जाती है।
2. इस मिट्टी में कैल्शियम व फास्फेट के तत्वों की कमी एवं नाइट्रोजन व पोटाश की अधिकता पाई जाती है।
3. इसी कारण राजस्थान में सबसे अधिक उपजाऊ मिट्टी जलोढ़ मिट्टी को माना जाता है।
4. इस मिट्टी में मुख्य रूप से सरसों, गेंहू, चावल, कपास, गन्ना आदि का उत्पादन होता है।
निम्नलिखित में से कौनसा राजस्थान का "राज्य वृक्ष है?
493 063219bab08ed0659bb2e83e41. राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी है। यह वृक्ष राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग दो-तिहाई हिस्से में पाया जाता है और सांस्कृतिक तथा आर्थिक रूप से बहुत महत्व रखता है।
2. खेजड़ी का वैज्ञानिक नाम प्रोसोपिस सिनेरिया है। यह एक सूखा-सहिष्णु वृक्ष है जो कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी जीवित रह सकता है। यह वृक्ष मरुस्थलीय क्षेत्रों में पाया जाता है और राजस्थान के थार मरुस्थल में यह बहुतायत में पाया जाता है।
राजस्थान का राज्य वृक्ष है?
567 06315de72378efa3cdd82ddc91. राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी है। यह वृक्ष राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग दो-तिहाई हिस्से में पाया जाता है और सांस्कृतिक तथा आर्थिक रूप से बहुत महत्व रखता है।
2. खेजड़ी का वैज्ञानिक नाम प्रोसोपिस सिनेरिया है। यह एक सूखा-सहिष्णु वृक्ष है जो कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी जीवित रह सकता है। यह वृक्ष मरुस्थलीय क्षेत्रों में पाया जाता है और राजस्थान के थार मरुस्थल में यह बहुतायत में पाया जाता है।