श्री देवनारायण किसके साथ विवाहित थे?
832 05fdc3a4d47af917ef3d6395e1. भगवान विष्णु का अवतार कहे जाने वाले गुर्जर जाति के आराध्य देव भगवान श्री देवनारायण जी का जन्म विक्रम संवत 968 माघ शुक्ल की सप्तमी के दिन मालासेरी में हुआ था, इनके पिताजी का नाम सवाई भोज एवं माँ का नाम साढू था, इस कारण इन्हें साढू माता का लाल भी कहा जाता हैं।
2. बचपन में देवजी का नाम उदय सिंह था, इनका विवाह राजकुमारी पीपल दे एवं दो अन्य रानियों नाग कन्या और दैत्य कन्या के साथ हुआ था. इनके एक बेटा बीला जो बाद में प्रथम पुजारी भी बने तथा बेटी का नाम बीली था।
महाराणा प्रताप से जुड़े पर्यटक स्थलों को सुमेलित कीजिए—
A. कुम्भलगढ़ 1. जन्म
B. गोगुन्दा 2. राज्याभिषेक
C. चावण्ड 3. समाधि स्थल
D. मायरागुफा 4. शरण स्थल
830 05f719862a58f705296b07c07गणगौर का त्यौहार किस तिथि को मनाया जाता है?
828 060a5fdd7eb4d147142ba831cराजस्थानी शब्द "डबड़ी " का संबंध है
828 061a08b9a0fbe1213ad76ef9fपाबूजी की घोड़ी का नाम क्या था?
828 05fdc3cc0d4ac5609e071fcd61. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।
2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।
3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।
4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है।
5. पाबूजी की घोड़ी का नाम केसर कालमी था।
प्रसिद्ध कैला देवी मेला कहाँ पर आयोजित किया जाता है?
826 05fdaf01f8bd6a2764a4dbddcराजस्थान के सबसे प्रतिष्ठित मेलों में से एक, कैला देवी मेला करौली में कैला देवी के मंदिर में आयोजित किया जाता है। यह मंदिर राजस्थान के करौली जिले में कालीसी नदी के तट पर स्थित है। कैला देवी मेला हिंदू माह चैत्र में आयोजित किया जाता है जो मार्च या अप्रैल में होता है।
श्री देवनारायण के पिता का नाम क्या था?
825 05fdc392447af917ef3d637281. भगवान विष्णु का अवतार कहे जाने वाले गुर्जर जाति के आराध्य देव भगवान श्री देवनारायण जी का जन्म विक्रम संवत 968 माघ शुक्ल की सप्तमी के दिन मालासेरी में हुआ था, इनके पिताजी का नाम सवाई भोज एवं माँ का नाम साढू था, इस कारण इन्हें साढू माता का लाल भी कहा जाता हैं।
2. बचपन में देवजी का नाम उदय सिंह था, इनका विवाह राजकुमारी पीपल दे एवं दो अन्य रानियों नाग कन्या और दैत्य कन्या के साथ हुआ था. इनके एक बेटा बीला जो बाद में प्रथम पुजारी भी बने तथा बेटी का नाम बीली था।