Rajasthan Art History and Culture Practice Question and Answer

Q:

राजस्थान के कपास उत्पाद दो प्रमुख जिले हैं?

856 0

  • 1
    अलवर और भरतपुर
    Correct
    Wrong
  • 2
    नागौर और उदयपुर
    Correct
    Wrong
  • 3
    श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़
    Correct
    Wrong
  • 4
    कोटा और बूंदी
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 3. "श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़"

Q:

बतूल बेगम का सम्बन्ध राजस्थान की किस गायन परम्परा से है? 

856 0

  • 1
    गंधर्व गान
    Correct
    Wrong
  • 2
    कव्वाली गायन
    Correct
    Wrong
  • 3
    मांड गायन
    Correct
    Wrong
  • 4
    फड़ गायन
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 3. "मांड गायन"

Q:

स्व. हिसामुद्दीन किस हस्तशिल्प के सिद्धहस्त कलाकार थे?

854 0

  • 1
    थेवा कला
    Correct
    Wrong
  • 2
    उस्ता कला
    Correct
    Wrong
  • 3
    जट पट्टी कला
    Correct
    Wrong
  • 4
    मीनाकारी
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 2. "उस्ता कला"

Q:

नीलकंठ महादेव मंदिर कहाँ है?

851 0

  • 1
    बीकानेर
    Correct
    Wrong
  • 2
    जोबनेर
    Correct
    Wrong
  • 3
    अलवर
    Correct
    Wrong
  • 4
    डिग
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 3. "अलवर "

Q:

प्रसिद्ध लोक देवता पाबूजी का जन्म कब हुआ था?

849 0

  • 1
    1240
    Correct
    Wrong
  • 2
    1235
    Correct
    Wrong
  • 3
    1105
    Correct
    Wrong
  • 4
    1239
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 4. "1239"
Explanation :

1. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।

2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।

3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।

4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है।

5. पाबूजी की घोड़ी का नाम केसर कालमी था।

Q:

अग्नि नृत्य का उदगम किस जिले में हुआ?

847 0

  • 1
    चूरू
    Correct
    Wrong
  • 2
    बाड़मेर
    Correct
    Wrong
  • 3
    बीकानेर
    Correct
    Wrong
  • 4
    जोधपुर
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 3. "बीकानेर"

Q:

पशु—पक्षियों को महत्व देने वाले 'स्कूल आॅफ पेंटिग' का नाम है

841 0

  • 1
    बूँदी शैली
    Correct
    Wrong
  • 2
    कोटा शैली
    Correct
    Wrong
  • 3
    नाथद्वारा शैली
    Correct
    Wrong
  • 4
    अलवर शैली
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 1. "बूँदी शैली"

Q:

राजस्थान में "झोरवा" गीत है -

840 0

  • 1
    एक विरह गीत
    Correct
    Wrong
  • 2
    परिवार में गाया जाने वाला एक जन्मोत्सव
    Correct
    Wrong
  • 3
    वधू विदाई गीत
    Correct
    Wrong
  • 4
    फसल रोपने के समय गाया जाने वाला गीत
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 1. "एक विरह गीत"
Explanation :

राजस्थान में "झोरवा" गीत एक विरह गीत है। यह एक महिला द्वारा अपने प्रेमी के वियोग में गाया जाता है। इस गीत में महिला अपने प्रेमी के साथ बिताए हुए सुखद समयों को याद करती है और उसके बिना होने के दुख का बखान करती है।


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