निम्नलिखित में से कौनसा युग्म गलत सुमेलित है?
1505 05e4395e1233b922c447805a1डूँगरपुर राज्य में गुहिल राजवंश का सस्थापक कौन था?
3399 05e43971f26ee5750de1f2834आजादी से पहले राजस्थान का क्षेत्र कहलाता था ?
1458 05e44d15619996877780d085fराजस्थान के भौगोलिक क्षेत्र को राजस्थान नाम कब दिया गया ?
898 05e4cbaf1da55d731d9b3a193किस हिन्दू महीने (वि.सं.) में तेजादशमी मनाई जाती है ?
1398 05e6b7dc1b88436739428f2e6निम्नलिखित में कौन सा जोड़ा सुमेलित है ?
1322 05f7d63e290b25c12b1f0324eपाबूजी की घोड़ी का नाम क्या था?
828 05fdc3cc0d4ac5609e071fcd61. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।
2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।
3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।
4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है।
5. पाबूजी की घोड़ी का नाम केसर कालमी था।