Rajasthan GK Questions Practice Question and Answer

Q:

प्रसिद्ध लोक देवता पाबूजी का जन्म कब हुआ था?

842 0

  • 1
    1240
    Correct
    Wrong
  • 2
    1235
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  • 3
    1105
    Correct
    Wrong
  • 4
    1239
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Answer : 4. "1239"
Explanation :

1. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।

2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।

3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।

4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है।

5. पाबूजी की घोड़ी का नाम केसर कालमी था।

Q:

पाबूजी की घोड़ी का नाम क्या था?

817 0

  • 1
    लिलम
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  • 2
    मूमल
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  • 3
    केसर कलमी
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  • 4
    पेमल
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Answer : 3. "केसर कलमी"
Explanation :

1. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।

2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।

3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।

4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है।

5. पाबूजी की घोड़ी का नाम केसर कालमी था।

Q:

पाबूजी के पिता का नाम क्या था?

1224 0

  • 1
    सूरजमल
    Correct
    Wrong
  • 2
    धांधल जी
    Correct
    Wrong
  • 3
    जयमल
    Correct
    Wrong
  • 4
    ताहड़जी
    Correct
    Wrong
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Answer : 2. "धांधल जी"
Explanation :

1. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।

2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।

3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।

4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है। 

Q:

राजस्थान में "छप्पन का मैदान" किस  नदी के बेसिन में स्थित है ? 

1128 1

  • 1
    लूनी
    Correct
    Wrong
  • 2
    माही
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    Wrong
  • 3
    चम्बल
    Correct
    Wrong
  • 4
    बनास
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    Wrong
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Answer : 2. "माही"
Explanation :

1. मध्य माही बेसिन “छप्पन मैदान” से जुड़ा है। बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ के बीच, छप्पन मैदान के रूप में जाना जाने वाला एक क्षेत्र माही नदी और उसकी सहायक नदियों द्वारा बनता है। इसमें 56 गांव शामिल हैं। छप्पन क्षेत्र गहरा और जटिल रूप से कटा हुआ है जिसके परिणामस्वरूप अलग-अलग पहाड़ियों का निर्माण होता है, जो उत्तर में मेवाड़ के मैदान के समान नहीं है। यह गहरा विच्छेदित क्षेत्र स्थानीय रूप से ‘बागर’ के रूप में जाना जाता है और इसमें बांसवाड़ा और डूंगरपुर के पहाड़ी इलाके शामिल हैं।

2. राजस्थान के बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिलों के दक्षिणी भाग में माही नदी और उसकी सहायक नदियों द्वारा निर्मित मैदान को माही का मैदान कहा जाता है। इस मैदानी भाग में छप्पन ग्रामों का समूह तथा छप्पन नदी-नाले स्थित हैं, इसे छप्पन का मैदान कहते हैं।

छप्पन का मैदान की विशेषता

1. छप्पन का मैदान को मध्य माही का मैदान भी कहा जाता है।

2. यह मैदान बंजर भूमि की घाटियों का क्षेत्र है।

3. यह डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ तथा उदयपुर के कुछ भागों पर विस्तृत है और इसका प्रवाह अरब सागर की ओर भी है।

6. यह मैदान तीन भागों में विभाजित किया गया है, जैसे चम्बल बेसिन, बनास बेसिन और मध्य माही बेसिन।

7. प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा के बीच के भाग में छप्पन ग्राम समूह स्थित है इसलिए इस भू-भाग को छप्पन के मैदान से भी जाना जाता है।

Q:

राजस्थान का जल दुर्ग/उदक दुर्ग है—

548 0

  • 1
    शाहबाद दुर्ग
    Correct
    Wrong
  • 2
    गागरोन दुर्ग
    Correct
    Wrong
  • 3
    सिवाणा दुर्ग
    Correct
    Wrong
  • 4
    तारागढ़़ दुर्ग
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Answer : 2. "गागरोन दुर्ग"
Explanation :

जल(उदक) दुर्ग:- वह दुर्ग अथवा किला जो चारों ओर से पानी से घिरा हुआ हो जल दुर्ग कहलाता है। उदाहरण:- गागरोण ,मनोहरथाना (झालावाड़), व भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़), शेरगढ़। राजस्थान में सर्वाधिक दुर्ग इस श्रेणी में आते हैं ।


Q:

'मुर्दों का टीला' नामक पुस्तक के लेखक कौन है ?

2133 0

  • 1
    हजारी प्रसाद द्विवेदी
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  • 2
    शम्भूदयाल सक्सेना
    Correct
    Wrong
  • 3
    रांगेय राघव
    Correct
    Wrong
  • 4
    हरिवंश राय बच्चन
    Correct
    Wrong
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Answer : 3. "रांगेय राघव"
Explanation :

प्रसिद्ध उपन्यासकार राघे राघव ने 'मुरदो-का-टीला' उपन्यास में मोहन-जो-दोरो सभ्यता की दुनिया का चित्रण किया है।


Q:

मेवाड़ प्रजामण्डल आंदोलन से संबंधित महिला कौन है ? 

6032 0

  • 1
    लक्ष्मी वर्मा
    Correct
    Wrong
  • 2
    कृष्णा कुमारी
    Correct
    Wrong
  • 3
    नारायणी देवी वर्मा
    Correct
    Wrong
  • 4
    चन्द्रावती
    Correct
    Wrong
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Answer : 3. "नारायणी देवी वर्मा "
Explanation :

नारायणी देवी वर्मा (उन्होंने बिजोलिया आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी कई कदम उठाए थे। जबकि वह प्रजा मंडल आंदोलन में बहुत सक्रिय थीं, गांधीवादी आदर्शों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप आदिवासी कल्याण और दलित कल्याण के प्रति उनके सक्रिय प्रयास हुए। उत्थान.


Q:

गणेश्वर की सभ्यता ———— में स्थित थी।

1986 0

  • 1
    नागौर
    Correct
    Wrong
  • 2
    बूंदी
    Correct
    Wrong
  • 3
    भीलवाड़ा
    Correct
    Wrong
  • 4
    सीकर
    Correct
    Wrong
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Answer : 4. "सीकर"
Explanation :

गणेश्वर सभ्यता- नीम का थाना (सीकर) कांटली नदी के किनारे उत्खनन RC अग्रवाल 1977 विजयकुमार 1978-79 ताम्रयुगीन सभ्यता की जननी प्रचुर ताम्र सामग्री, मछली के कांटे (हार्पून), ताम्रपीन, पत्थर के मगन/बांध के प्रमाण ।


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