भील क्षेत्र में बावजी के नाम से जाने जाते हैं
767 062b041f6cae9f820ba1a43eb1. मोतीलाल तेजावत को भील क्षेत्र में बावजी नाम से जाना जाता हैं।
2. मोतीलाल तेजावत एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, आदिवासी नेता और समाज सुधारक थे। उन्हें "आदिवासियों का मसीहा" के रूप में जाना जाता है।
3 तेजावत का जन्म 1886 में राजस्थान के उदयपुर जिले के कोलियारी गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की। बाद में, उन्होंने झाड़ोल ठिकाने में एक स्थानीय जागीदार के यहां कामदार का कार्य किया।
राजस्थान के एकमात्र शास्त्रीय नृत्य कत्थक के जयपुर घराने के प्रवर्तक माने जाते हैं
696 062a094b5cae9f820bae595821. कथक नृत्य उत्तर भारतीय शास्त्रीय नृत्य है। कथा कहे सो कथक कहलाए। कथक शब्द का अर्थ कथा को नृत्य रूप से कथन करना है। प्राचीन काल मे कथक को कुशिलव के नाम से जाना जाता था।
2. यह कथक का प्राचीनतम घराना है। जयपुर घराने के प्रवर्तक भानु जी (प्रसिद्ध शिव तांडव नर्तक)हैं।
गुलाल बाई और कृष्णा कुमारी किसके लिए प्रसिद्ध हैं?
2380 063875eb6c878936066d77fedगुलाल बाई और कृष्णा कुमारी नौटंकी लोकनाट्य लिए प्रसिद्ध हैं।
राजस्थान में "झोरवा" गीत है -
857 063875e42d766b160a2ebc8a6राजस्थान में "झोरवा" गीत एक विरह गीत है। यह एक महिला द्वारा अपने प्रेमी के वियोग में गाया जाता है। इस गीत में महिला अपने प्रेमी के साथ बिताए हुए सुखद समयों को याद करती है और उसके बिना होने के दुख का बखान करती है।