पूर्वी बेसिन मैदान का भाग नहीं है ?
571 061d57f4ce7cc0851e09952571. पूर्वी मैदान प्रदेश : विस्तार - राजस्थान में 50 cm वर्षा रेखा से पूर्व में स्थित प्रदेश को पूर्वी मैदानी प्रदेश के नाम से जाना जाता है | यह प्रदेश नदियों के द्वारा निर्मित है, इसी कारण से इसे नदी निर्मित बेसिन या प्रदेश कहा जाता है।
2. पूर्वी मैदान को मुख्य रूप से तीन भागो में बांटा गया है।
- चंबल नदी बेसिन
- बनास नदी बेसिन
- माही नदी बेसिन
हाडोती प्रदेश राजस्थान के कितने प्रतिशत क्षेत्रफल में स्थित है ?
929 061d57e2fe7cc0851e09950681. राजस्थान का दक्षिणी-पूर्वी भाग एक पठारी भाग है, जिसे 'दक्षिणी-पूर्वी पठार एवं हाडौती के पठार' के नाम से जाना जाता है। यह मालवा के पठार का विस्तार है |
2. इस क्षेत्र की औसत ऊँचाई 500 मीटर है तथा यहाँ अर्द्ध-चन्द्राकार रूप में पर्वत श्रेणियों का विस्तार है जो क्रमशः बूंदी और मुकुन्दवाड़ा की पहाड़ियों के नाम से जानी जाती है। यहाँ चम्बल नदी और इसकी प्रमुख सहायक कालीसिंह, परवन और पार्वती नदियाँ प्रवाहित है, उनके द्वारा निर्मित मैदानी प्रदेश कृषि के लिये उपयुक्त है।
3. दक्षिणी - पूर्वी पठार प्रदेश (हाडौती के पठार) प्रमुख विशेषता -
- इस क्षेत्र में राज्य की 11 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
- दक्षिण पूर्वी पठारी प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का 9.6 प्रतिशत है।
- इसका विस्तार भीलवाड़ा, फोटो, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों में है।
- यह पठारी भाग अरावली और विंध्याचल पर्वत के बीच संक्रान्ति प्रदेश है।
- इस प्रदेश में लावा मिश्रित शैल एवं विन्ध्य शैलों का सम्मिश्रण है।
पिंड मांड मैदान किस बेसिन में स्थित है ?
1329 061d57cc7c5943251cae739801. पिंड मांड मैदान बनास - बाण गंगा बेसिन में स्थित है।
2. पिंड मांड मैदान : अरावली पर्वत श्रेणी में देवगढ़ (राजसमंद) के पास का निर्जन का टीलेनुमा भाग पिंड मांड मैदान कहलाता हैं।
मारवाड़ और मेवाड़ को जोड़ने वाला दर्रा निम्न में से कौन सा है ?
3135 061d57aa80fa28f69059d2a72राजस्थान में अरावली पर्वतमाला के प्रमुख दर्रे-
1. ढ़ेभर नाल – उदयपुर
2. केवड़ा की नाल- उदयपुर
3. फुलवारी की नाल- उदयपुर
4. हाथी नाल- उदयपुर
5. हाथी गुढा की नाल- राजसमंद
6. पगल्या/जीलवा/ चीरवा की नाल - राजसमन्द और पाली
7. खमली घाट/ कमली घाट- राजसमन्द
8. गोरम घाट- राजसमन्द
जरगा से रागा पहाड़ियों के मध्य सदैव हरा भरा क्षेत्र कहलाता है?
1196 061d576c20fa28f69059d13fe1. गिरवा : उदयपुर में चारों ओर पहाड़ीयाँ होने के कारण उदयपुर की आकृति एक तश्तरीनुमा बेसिन जैसी है जिसे स्थानीय भाषा में गिरवा कहते है।
2. देशहरो: उदयपुर में जरगा (उदयपुर) व रागा (सिरोही) पहाड़ीयों के बीच का क्षेत्र सदा हरा भरा रहने के कारण देशहरो कहलाता है।
3. देवल/ मेवल : डुंगरपुर व बांसवाड़ा के मध्य का भाग।
4. भैंसरोड़गढ़ किला : भैंसरोड़गढ़ किला या भैंसरोड़ किला एक प्राचीन किला है जो भारत के राजस्थान राज्य में एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है।
भगत भील आंदोलन के लिए कौन सा पठार प्रसिद्ध है ?
611 061d550ede7cc0851e098b8c01. भगत आंदोलन राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में फैला हुआ भोमट पठार पर हुआ था।
2. यह आंदोलन मुख्य रूप से भील जनजाति के किसानों द्वारा शुरू किया गया था।
3. सरजी भगत और गोविंद गुरु ने मिलकर शुरू किया था।
- सन् 1883 ई. में गोविंद गिरी ने सम्प सभा की स्थापना की, जिसका प्रथम अधिवेशन 1903 ई . में मानगढ़ की पहाड़ियों पर हुआ।
-1913 में, मानगढ़ की पहाड़ी पर एक सभा से घिरी अश्विन शुक्ल पूर्णिमा पर मेवाड़ भील वाहिनी ने गोलियां चलाईं , जिसमें 1500 से अधिक भील मारे गए।
- मेवाड़ भील कोर की स्थापना 1841 ई. में खैरवाड़ा में हुई थी।
4. यहां आज भी अश्विन शुक्ल पूर्णिमा मेला लगता है।