राज प्रशस्ति का काल है -
536 06315df47d9ac741324cd873c1. राज प्रशस्ति एक संस्कृत काव्य और शिलालेख है जो महाराणा राज सिंह द्वारा 1676 में राजसमंद झील के निर्माण की स्मृति में रचा गया है।
2. प्रशस्ति काव्य रणछोड़ भट्ट तैलंग द्वारा अपने संरक्षक राज सिंह के आदेश पर लिखा गया था।
3. 1687 में महाराणा जय सिंह के आदेश से इस प्रशस्ति पत्थर की पटियाओं पर अंकित किया गया।
'खेजड़ी वृक्ष' राजस्थान के किस लोक देवता का प्रतीक है?
1244 061668e6a3d260361529e5f451. राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी है। यह वृक्ष राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग दो-तिहाई हिस्से में पाया जाता है और सांस्कृतिक तथा आर्थिक रूप से बहुत महत्व रखता है।
2. खेजड़ी का वैज्ञानिक नाम प्रोसोपिस सिनेरिया है। यह एक सूखा-सहिष्णु वृक्ष है जो कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी जीवित रह सकता है। यह वृक्ष मरुस्थलीय क्षेत्रों में पाया जाता है और राजस्थान के थार मरुस्थल में यह बहुतायत में पाया जाता है।
3. खेजड़ी वृक्ष को राजस्थान में गोगाजी लोक देवता का प्रतीक मानते है।
निम्नलिखित में से कौनसा राजस्थान का "राज्य वृक्ष है?
498 063219bab08ed0659bb2e83e41. राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी है। यह वृक्ष राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग दो-तिहाई हिस्से में पाया जाता है और सांस्कृतिक तथा आर्थिक रूप से बहुत महत्व रखता है।
2. खेजड़ी का वैज्ञानिक नाम प्रोसोपिस सिनेरिया है। यह एक सूखा-सहिष्णु वृक्ष है जो कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी जीवित रह सकता है। यह वृक्ष मरुस्थलीय क्षेत्रों में पाया जाता है और राजस्थान के थार मरुस्थल में यह बहुतायत में पाया जाता है।
राजस्थान का राज्य वृक्ष है?
571 06315de72378efa3cdd82ddc91. राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी है। यह वृक्ष राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग दो-तिहाई हिस्से में पाया जाता है और सांस्कृतिक तथा आर्थिक रूप से बहुत महत्व रखता है।
2. खेजड़ी का वैज्ञानिक नाम प्रोसोपिस सिनेरिया है। यह एक सूखा-सहिष्णु वृक्ष है जो कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी जीवित रह सकता है। यह वृक्ष मरुस्थलीय क्षेत्रों में पाया जाता है और राजस्थान के थार मरुस्थल में यह बहुतायत में पाया जाता है।