Rajasthan GK प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें

प्र:

बिजौलिया शिलालेख में किस वंश के शासकों की उपलब्धियों का उल्लेख है?

652 0

  • 1
    सिसोदिया
    सही
    गलत
  • 2
    चौहान
    सही
    गलत
  • 3
    राठौड़
    सही
    गलत
  • 4
    परमार
    सही
    गलत
  • उत्तर देखें
  • Workspace

उत्तर : 2. "चौहान"
व्याख्या :

1. बिजोलिया के चौहान शिलालेख को बिजोलिया शिलालेख (1170 ई.) के नाम से भी जाना जाता है।

2. इस शिलालेख का पाठ संस्कृत भाषा में है।

3. बिजोलिया शिलालेख बिजोलिया मंदिर परिसर में पार्श्वनाथ मंदिर से जुड़े एक जलाशय के उत्तर में एक बड़ी चट्टान पर उकेरा गया है।

प्र:

बिजौलिया अभिलेख का काल है -

599 0

  • 1
    1676 ई.
    सही
    गलत
  • 2
    1170 ई.
    सही
    गलत
  • 3
    953 ई.
    सही
    गलत
  • 4
    1273 ई.
    सही
    गलत
  • उत्तर देखें
  • Workspace

उत्तर : 2. "1170 ई. "
व्याख्या :

1. बिजोलिया के चौहान शिलालेख को बिजोलिया शिलालेख (1170 ई.) के नाम से भी जाना जाता है।

2. इस शिलालेख का पाठ संस्कृत भाषा में है।

3. बिजोलिया शिलालेख बिजोलिया मंदिर परिसर में पार्श्वनाथ मंदिर से जुड़े एक जलाशय के उत्तर में एक बड़ी चट्टान पर उकेरा गया है।

प्र:

अलाउद्दीन खिलजी ने किस दुर्ग को जीतकर उसका नाम खैराबाद रखा?

776 0

  • 1
    सिवाणा दुर्ग
    सही
    गलत
  • 2
    जोधपुर दुर्ग
    सही
    गलत
  • 3
    रणथम्भोर दुर्ग
    सही
    गलत
  • 4
    चित्तौड़ दुर्ग
    सही
    गलत
  • उत्तर देखें
  • Workspace

उत्तर : 1. "सिवाणा दुर्ग"
व्याख्या :

सन् 1308 में अलाउद्दीन खिलजी एवं सिवाना शासक सीतलदेव पंवार के मध्य यह युद्ध लड़ा गया जिसमें सीतलदेव वीरगति को प्राप्त हुआ एवं खिलजी की विजय हुई। खिलजी ने सिवाना का नाम बदलकर खैराबाद रखा।


प्र:

निम्नलिखित में से कौनसा (कला-प्रमुख केंद्र) युग्म सुमेलित नहीं है?

561 0

  • 1
    थेवा - सीकर
    सही
    गलत
  • 2
    गलीचा निर्माण - जयपुर
    सही
    गलत
  • 3
    अजरख प्रिंट - बाड़मेर
    सही
    गलत
  • 4
    कठपुतली - उदयपुर
    सही
    गलत
  • उत्तर देखें
  • Workspace

उत्तर : 1. "थेवा - सीकर "
व्याख्या :

निम्नलिखित में से सभी (कला-प्रमुख केंद्र) युग्म सुमेलित है।

(A) थेवा - प्रतापगढ़

(B) गलीचा निर्माण - जयपुर

(C) अजरख प्रिंट - बाड़मेर

(D) कठपुतली - उदयपुर

प्र:

पथिक ने किस समाचार पत्र के माध्यम से बिजोलिया कृषक आंदोलन को विख्यात कर दिया?

615 0

  • 1
    प्रताप
    सही
    गलत
  • 2
    प्रभात
    सही
    गलत
  • 3
    नवभारत
    सही
    गलत
  • 4
    लोकवाणी
    सही
    गलत
  • उत्तर देखें
  • Workspace

उत्तर : 1. "प्रताप"
व्याख्या :

1. विजय सिंह पथिक, जिन्हें राष्ट्रीय पथिक के रूप में जाना जाता है, एक भारतीय क्रांतिकारी थे। उनका असली नाम भूप सिंह था।

2. वे पहले भारतीय क्रांतिकारियों में से थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन की मशाल जलाई थी।

3. मोहनदास करमचंद गांधी द्वारा सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने से बहुत पहले, पथिक ने बिजोलिया के किसान आंदोलन के दौरान सत्याग्रह आंदोलन का प्रयोग कर लिया था।

4. विजयसिंह पथिक ने प्रताप समाचार पत्र के माध्यम से बिजौलिया किसान आन्दोलन का प्रचार पूरे भारत में कर दिया था?

प्र:

विजय सिंह पथिक का वास्तविक नाम था -

723 0

  • 1
    भूप सिंह गुर्जर
    सही
    गलत
  • 2
    भाग सिंह गुर्जर
    सही
    गलत
  • 3
    बहादुर सिंह गुर्जर
    सही
    गलत
  • 4
    बादल सिंह गुर्जर
    सही
    गलत
  • उत्तर देखें
  • Workspace

उत्तर : 1. "भूप सिंह गुर्जर "
व्याख्या :

1. विजय सिंह पथिक, जिन्हें राष्ट्रीय पथिक के रूप में जाना जाता है, एक भारतीय क्रांतिकारी थे। उनका असली नाम भूप सिंह था।

2. वे पहले भारतीय क्रांतिकारियों में से थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन की मशाल जलाई थी।

3. मोहनदास करमचंद गांधी द्वारा सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने से बहुत पहले, पथिक ने बिजोलिया के किसान आंदोलन के दौरान सत्याग्रह आंदोलन का प्रयोग कर लिया था।

4. विजयसिंह पथिक ने प्रताप समाचार पत्र के माध्यम से बिजौलिया किसान आन्दोलन का प्रचार पूरे भारत में कर दिया था?

प्र:

किस लोक कला के निर्माण का पुश्तैनी व्यवसाय केवल चित्तौड़गढ़ जिले के ग्राम बस्सी में ही देखा जाता है?

681 0

  • 1
    फड़
    सही
    गलत
  • 2
    सांझी
    सही
    गलत
  • 3
    वील
    सही
    गलत
  • 4
    कावड़
    सही
    गलत
  • उत्तर देखें
  • Workspace

उत्तर : 4. "कावड़"
व्याख्या :

कावड़ लोक कला के निर्माण का पुश्तैनी व्यवसाय केवल चित्तौड़गढ़ जिले के ग्राम बस्सी में ही देखा जाता है। कावड़ एक मंदिरनुमा काष्ठकलाकृति है, जिसमें कई द्वार बने होते हैं। सभी द्वारों या कपाटों पर चित्र अंकित रहते हैं। कावड़ लाल रंग से रंगी जाती है व उसके ऊपर फिर काले रंग से पौराणिक कथाओं का चित्रांकन किया जाता है। इनमें महाभारत, रामायण, कृष्ण लीला के विभिन्न चरित्रों व घटनाओं का विवरण होता है। कावड़ जनजीवन की धार्मिक आस्थाओं और विश्वासों से जुड़ी है इसीलिए इसका वाचन-श्रवण कर लोग श्रद्धाभिभूत हो जाते हैं और मनमाना दान करते हैं।


प्र:

श्री देवनारायण के पिता का नाम क्या था?

934 0

  • 1
    जय सिंह
    सही
    गलत
  • 2
    मानसिंह
    सही
    गलत
  • 3
    विरम देव
    सही
    गलत
  • 4
    सवाई भोज
    सही
    गलत
  • उत्तर देखें
  • Workspace

उत्तर : 4. "सवाई भोज"
व्याख्या :

1. भगवान विष्णु का अवतार कहे जाने वाले गुर्जर जाति के आराध्य देव भगवान श्री देवनारायण जी का जन्म विक्रम संवत 968 माघ शुक्ल की सप्तमी के दिन मालासेरी में हुआ था, इनके पिताजी का नाम सवाई भोज एवं माँ का नाम साढू था, इस कारण इन्हें साढू माता का लाल भी कहा जाता हैं।

2. बचपन में देवजी का नाम उदय सिंह था, इनका विवाह राजकुमारी पीपल दे एवं दो अन्य रानियों नाग कन्या और दैत्य कन्या के साथ हुआ था. इनके एक बेटा बीला जो बाद में प्रथम पुजारी भी बने तथा बेटी का नाम बीली था।

  त्रुटि की रिपोर्ट करें

कृपया संदेश दर्ज करें
त्रुटि रिपोर्ट सफलतापूर्वक जमा हुई

  त्रुटि की रिपोर्ट करें

कृपया संदेश दर्ज करें
त्रुटि रिपोर्ट सफलतापूर्वक जमा हुई

  त्रुटि की रिपोर्ट करें

कृपया संदेश दर्ज करें
त्रुटि रिपोर्ट सफलतापूर्वक जमा हुई

  त्रुटि की रिपोर्ट करें

कृपया संदेश दर्ज करें
त्रुटि रिपोर्ट सफलतापूर्वक जमा हुई

  त्रुटि की रिपोर्ट करें

कृपया संदेश दर्ज करें
त्रुटि रिपोर्ट सफलतापूर्वक जमा हुई

  त्रुटि की रिपोर्ट करें

कृपया संदेश दर्ज करें
त्रुटि रिपोर्ट सफलतापूर्वक जमा हुई

  त्रुटि की रिपोर्ट करें

कृपया संदेश दर्ज करें
त्रुटि रिपोर्ट सफलतापूर्वक जमा हुई

  त्रुटि की रिपोर्ट करें

कृपया संदेश दर्ज करें
त्रुटि रिपोर्ट सफलतापूर्वक जमा हुई