निम्नलिखित में से कौनसा (कला-प्रमुख केंद्र) युग्म सुमेलित नहीं है?
435 063875c0bd766b160a2ebbfd3निम्नलिखित में से सभी (कला-प्रमुख केंद्र) युग्म सुमेलित है।
(A) थेवा - प्रतापगढ़
(B) गलीचा निर्माण - जयपुर
(C) अजरख प्रिंट - बाड़मेर
(D) कठपुतली - उदयपुर
पथिक ने किस समाचार पत्र के माध्यम से बिजोलिया कृषक आंदोलन को विख्यात कर दिया?
508 0632b1ada5c208a6bf7e535d11. विजय सिंह पथिक, जिन्हें राष्ट्रीय पथिक के रूप में जाना जाता है, एक भारतीय क्रांतिकारी थे। उनका असली नाम भूप सिंह था।
2. वे पहले भारतीय क्रांतिकारियों में से थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन की मशाल जलाई थी।
3. मोहनदास करमचंद गांधी द्वारा सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने से बहुत पहले, पथिक ने बिजोलिया के किसान आंदोलन के दौरान सत्याग्रह आंदोलन का प्रयोग कर लिया था।
4. विजयसिंह पथिक ने प्रताप समाचार पत्र के माध्यम से बिजौलिया किसान आन्दोलन का प्रचार पूरे भारत में कर दिया था?
विजय सिंह पथिक का वास्तविक नाम था -
588 063875bacc878936066d776c01. विजय सिंह पथिक, जिन्हें राष्ट्रीय पथिक के रूप में जाना जाता है, एक भारतीय क्रांतिकारी थे। उनका असली नाम भूप सिंह था।
2. वे पहले भारतीय क्रांतिकारियों में से थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन की मशाल जलाई थी।
3. मोहनदास करमचंद गांधी द्वारा सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने से बहुत पहले, पथिक ने बिजोलिया के किसान आंदोलन के दौरान सत्याग्रह आंदोलन का प्रयोग कर लिया था।
4. विजयसिंह पथिक ने प्रताप समाचार पत्र के माध्यम से बिजौलिया किसान आन्दोलन का प्रचार पूरे भारत में कर दिया था?
किस लोक कला के निर्माण का पुश्तैनी व्यवसाय केवल चित्तौड़गढ़ जिले के ग्राम बस्सी में ही देखा जाता है?
509 063875b5353e4f6617732b063कावड़ लोक कला के निर्माण का पुश्तैनी व्यवसाय केवल चित्तौड़गढ़ जिले के ग्राम बस्सी में ही देखा जाता है। कावड़ एक मंदिरनुमा काष्ठकलाकृति है, जिसमें कई द्वार बने होते हैं। सभी द्वारों या कपाटों पर चित्र अंकित रहते हैं। कावड़ लाल रंग से रंगी जाती है व उसके ऊपर फिर काले रंग से पौराणिक कथाओं का चित्रांकन किया जाता है। इनमें महाभारत, रामायण, कृष्ण लीला के विभिन्न चरित्रों व घटनाओं का विवरण होता है। कावड़ जनजीवन की धार्मिक आस्थाओं और विश्वासों से जुड़ी है इसीलिए इसका वाचन-श्रवण कर लोग श्रद्धाभिभूत हो जाते हैं और मनमाना दान करते हैं।
श्री देवनारायण के पिता का नाम क्या था?
825 05fdc392447af917ef3d637281. भगवान विष्णु का अवतार कहे जाने वाले गुर्जर जाति के आराध्य देव भगवान श्री देवनारायण जी का जन्म विक्रम संवत 968 माघ शुक्ल की सप्तमी के दिन मालासेरी में हुआ था, इनके पिताजी का नाम सवाई भोज एवं माँ का नाम साढू था, इस कारण इन्हें साढू माता का लाल भी कहा जाता हैं।
2. बचपन में देवजी का नाम उदय सिंह था, इनका विवाह राजकुमारी पीपल दे एवं दो अन्य रानियों नाग कन्या और दैत्य कन्या के साथ हुआ था. इनके एक बेटा बीला जो बाद में प्रथम पुजारी भी बने तथा बेटी का नाम बीली था।