Rajasthan GK Practice Question and Answer

Q:

‘वालरा’ पद्धति जो कि पर्यावरणीय अवनयन का कारण है, का एक प्रकार है -

707 0

  • 1
    प्राकृतिक वनस्पति
    Correct
    Wrong
  • 2
    जंगली जानवर
    Correct
    Wrong
  • 3
    कृषि
    Correct
    Wrong
  • 4
    चिकित्सकीय उपचार
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 3. "कृषि"
Explanation :

वालरा कृषि एक प्रकार की स्थानांतरित कृषि है, जिसमें भूमि का उपयोग कुछ वर्षों के लिए किया जाता है और बाद में मिट्टी में उर्वरता की कमी और बीमारियों के कारण छोड़ दी जाती है। यह कृषि आदिम जनजातियों द्वारा की जाती है।

2. राजस्थान के बाँसवाड़ा, उदयपुर और डूंगरपुर जिले में आदिम जनजातियों का निवास है। इन जिलों में वालरा कृषि की जाती है।

Q:

राजस्थान के किस भाग में वालरा कृषि की जाती है? सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनिये।

524 0

  • 1
    उत्तरी
    Correct
    Wrong
  • 2
    दक्षिणी
    Correct
    Wrong
  • 3
    पूर्वी
    Correct
    Wrong
  • 4
    पश्चिमी
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 2. "दक्षिणी"
Explanation :

1. वालरा कृषि एक प्रकार की स्थानांतरित कृषि है, जिसमें भूमि का उपयोग कुछ वर्षों के लिए किया जाता है और बाद में मिट्टी में उर्वरता की कमी और बीमारियों के कारण छोड़ दी जाती है। यह कृषि आदिम जनजातियों द्वारा की जाती है।

2. राजस्थान के बाँसवाड़ा, उदयपुर और डूंगरपुर जिले में आदिम जनजातियों का निवास है। इन जिलों में वालरा कृषि की जाती है।

Q:

रामगढ़ विषधारी अभ्यारण्य को किस स्वरूप में अधिसूचित किया गया?

515 0

  • 1
    जैविक उद्यान
    Correct
    Wrong
  • 2
    राष्ट्रीय उद्यान
    Correct
    Wrong
  • 3
    बाघ संरक्षित
    Correct
    Wrong
  • 4
    यूनेस्को एम. ए. बी.
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 3. "बाघ संरक्षित"
Explanation :

रामगढ़ विषधारी अभ्यारण्य को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया है। यह राजस्थान का चौथा और भारत का 52वां बाघ अभयारण्य है। इसे 16 मई, 2022 को अधिसूचित किया गया था।


Q:

मरुस्थलीय क्षेत्र में मिट्टी के अपरदन को रोकने के लिये क्या किया जाना चाहिये?

549 0

  • 1
    फसलों के हेर-फेर को अपनाना
    Correct
    Wrong
  • 2
    वृक्षों की पट्टी लगाना
    Correct
    Wrong
  • 3
    खेतों में मेड़बन्दी करना
    Correct
    Wrong
  • 4
    चरागाहों को विकसित करना
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 2. "वृक्षों की पट्टी लगाना"
Explanation :

मृदा अपरदन एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है । इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. मृदा अपरदन की रोकथाम के कुछ तरीके निम्नलिखित हैं-

1. मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए बंजर भूमि पर पेड़ लगाएं।

2. मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए नीचे पौधों और घास को रोकने के लिए गीली घास और चट्टानें डालें।

3. ढलानों पर कटाव को कम करने के लिए मल्च मैटिंग का उपयोग किया जा सकता है।

4. किसी भी पानी या मिट्टी को बहने से रोकने के लिए फ़ाइबर लॉग की एक श्रृंखला रखें।

5. ढलान के आधार पर एक दीवार मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद कर सकती है।

6. प्रत्येक घर में उचित जल निकासी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पानी उचित जल संग्रहण प्रणालियों में बह सके।

Q:

विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?

472 0

  • 1
    5 मई
    Correct
    Wrong
  • 2
    5 जून
    Correct
    Wrong
  • 3
    22 मार्च
    Correct
    Wrong
  • 4
    22 अप्रैल
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 2. "5 जून"
Explanation :

1. हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है।

2. इसका उद्देश्य मानव जाति को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना होता है।

3. पहली बार 1973 में आयोजित, यह समुद्री प्रदूषण, अधिक जनसंख्या, ग्लोबल वार्मिंग, सतत विकास और वन्यजीव अपराध जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने का एक मंच रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस सार्वजनिक पहुंच के लिए एक वैश्विक मंच है, जिसमें सालाना 143 से अधिक देशों की भागीदारी होती है।

Q:

वर्षाजल संग्रहण करने वाला रानीसर टाँका कहाँ स्थित है?

2770 0

  • 1
    जैसलमेर
    Correct
    Wrong
  • 2
    जोधपुर
    Correct
    Wrong
  • 3
    बाड़मेर
    Correct
    Wrong
  • 4
    बीकानेर
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 2. "जोधपुर"
Explanation :

टांका एक भूमिगत जलाशय है जिसे वर्षा के जल को संग्रहित करने के लिए बनाया जाता है। टांका आमतौर पर एक वर्गाकार या आयताकार आकार का होता है और इसका निर्माण मिट्टी या पत्थर से किया जाता है। टांका के चारों ओर एक दीवार बनाई जाती है ताकि वर्षा का जल इसमें इकट्ठा हो सके।


Q:

खड़ीन खेती हैं- 

1026 0

  • 1
    वर्षा कालीन खड्डों में पानी भरने पर वहाँ की जाने वाली खेती ।
    Correct
    Wrong
  • 2
    अकाल के समय जीविकापार्जन हेतु की जाने वाली खेती
    Correct
    Wrong
  • 3
    वर्षा विहनी खेती
    Correct
    Wrong
  • 4
    यंत्रों के उपोग से की जाने वाली खेती
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 1. "वर्षा कालीन खड्डों में पानी भरने पर वहाँ की जाने वाली खेती ।"
Explanation :

खडीन-यह एक मिट्टी का बना हुआ अस्थायी तालाब होता है, इसे किसी ढाल वाली भूमि के नीचे बनाते हैं । इसके दोनों ओर मिट्टी की दीवार (धोरा) तथा तीसरी ओर पत्थर से बनी मजबूत दीवार होती है । जल की अधिकता पर खड़ीन भर जाता है तथा जल आगे वाली खडीन में चला जाता है । खडीन में जल के सूख जाने पर, इसमें कृषि की जाती है।


Q:

राजस्थान के थार मरुस्थल की परम्परागत जल संग्रहण तकनीक है -

588 0

  • 1
    टांका
    Correct
    Wrong
  • 2
    खडिन
    Correct
    Wrong
  • 3
    बावड़ी
    Correct
    Wrong
  • 4
    तालाब
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 1. "टांका"
Explanation :

1. खडीन-यह एक मिट्टी का बना हुआ अस्थायी तालाब होता है, इसे किसी ढाल वाली भूमि के नीचे बनाते हैं । इसके दोनों ओर मिट्टी की दीवार (धोरा) तथा तीसरी ओर पत्थर से बनी मजबूत दीवार होती है । जल की अधिकता पर खड़ीन भर जाता है तथा जल आगे वाली खडीन में चला जाता है । खडीन में जल के सूख जाने पर, इसमें कृषि की जाती है।

2. तालाब-राजस्थान में प्राय: वर्षा के जल का संग्रहण तालाब में किया जाता है। यहाँ स्त्रियों व पुरुषों के नहाने के पृथक् से घाट होते हैं। तालाब की तलहटी में कुआं बना होता है, जिसे बेरी कहते हैं। जल संचयन की यह प्राचीन विधि आज भी अपना महत्व रखती है। इससे भूमि जल का स्तर बढ़ता है।

4. बावड़ी-राजस्थान में बावड़ियों का अपना स्थान है । यह जल संग्रहण करने का प्राचीन तरीका है। यह गहरी होती है व इसमें उतरने के लिए सीढियाँ एवं तिबारे होते हैं तथा यह कलाकृतियों से सम्पन्न होती है ।

5. टांका: टांका एक भूमिगत जलाशय है जिसे वर्षा के जल को संग्रहित करने के लिए बनाया जाता है। टांका आमतौर पर एक वर्गाकार या आयताकार आकार का होता है और इसका निर्माण मिट्टी या पत्थर से किया जाता है। टांका के चारों ओर एक दीवार बनाई जाती है ताकि वर्षा का जल इसमें इकट्ठा हो सके।

      Report Error

    Please Enter Message
    Error Reported Successfully

      Report Error

    Please Enter Message
    Error Reported Successfully

      Report Error

    Please Enter Message
    Error Reported Successfully

      Report Error

    Please Enter Message
    Error Reported Successfully

      Report Error

    Please Enter Message
    Error Reported Successfully

      Report Error

    Please Enter Message
    Error Reported Successfully

      Report Error

    Please Enter Message
    Error Reported Successfully

      Report Error

    Please Enter Message
    Error Reported Successfully