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काव्यांश में कवि का रवैया कैसा प्रतीत होता है?
5कोई खंडित, कोई कुंठित,
कृष बाहु, पसलियां रेखांकित,
टहनी से टांगे, बढ़ा पेट,
टेढ़े मेढ़े, विकलांग घृणित!
विज्ञान चिकित्सा से वंचित,
ये नहीं धात्रियों से रक्षित,
ज्यों स्वास्थ्य सेज हो, ये सुख से,
लौटते धूल में चिर परिचित!
पशुओं सी भीत मुक्त चितवन,
प्राकृतिक स्फूर्ति से प्रेरित मन,
तृण तरुओं से उग-बढ़, झर-गिर,
ये ढोते जीवन क्रम के क्षण!
कुल मान ना करना इन्हें वहन,
चेतना ज्ञान से नहीं गहन,
जगजीवन धारा में बहते ये मूर्ख पंगु बालू के कण!
Q:
काव्यांश में कवि का रवैया कैसा प्रतीत होता है?
- 1वे बच्चों की दशा के विषय में व्यंग्य कर मनोरंजन करना चाह रहे हैं।false
- 2वह बच्चों की दशा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।true
- 3वह तटस्थ रहकर बच्चों की शारीरिक व मानसिक दशा का वर्णन कर रहे हैं।false
- 4वे बच्चों की शारीरिक व मानसिक दशा से संतुष्ट प्रतीत होते हैं।false
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