Hindi प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: सही कथन चुनिए -
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63909492d319b37ca189f4d4- 1भाववाच्य में अकर्मक क्रियाओं का प्रयोग किया जाता है।true
- 2कर्तृवाच्य में केवल सकर्मक क्रियाओं का प्रयोग किया जाता है।false
- 3कर्मवाच्य में सकर्मक और अकर्मक दोनों प्रकार की क्रियाएँ प्रयुक्त होती हैं ।false
- 4कर्मवाच्य में सकर्मक क्रियाओं का प्रयोग नहीं किया जाता।false
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उत्तर : 1. "भाववाच्य में अकर्मक क्रियाओं का प्रयोग किया जाता है।"
प्र: 'वह अपने कार्य में व्यस्त था। हिंदी वाक्य का अंग्रेजी में रूपान्तरण होगा –
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632da5a531300b7ce47a32e6- 1He was busy with his work.true
- 2He was not busy with his work.false
- 3He is busy in his work.false
- 4He is busy with his work.false
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उत्तर : 1. "He was busy with his work."
प्र: 'मुक्ति पाने का इच्छुक' वाक्यांश के लिए सार्थक शब्द है
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627013de175f3a35dcdde80f- 1जिजीविषाfalse
- 2मुमुक्षुtrue
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- 4मुमूर्षुfalse
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उत्तर : 2. "मुमुक्षु "
प्र: कौनसा शब्द संज्ञा से बना हुआ विशेषण है?
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6332bf6fbf6167733bda79e1- 1सुखीtrue
- 2प्रसन्नfalse
- 3कटुfalse
- 4सुन्दरfalse
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उत्तर : 1. "सुखी"
प्र:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
सुखी, सफल और उत्तम जीवन जीने के लिए किए गए आचरण और प्रयत्नों का नाम ही धर्म है। देश, काल और सामाजिक मूल्यों की दृष्टि से संसार में भारी विविधता है , अतएव अपने - अपने ढंग से जीवन को पूर्णता की ओर ले जानेवाले विविध धर्मों के बीच भी ऊपर से विविधता दिखाई देती है। आदमी का स्वभाव है कि वह अपने विचारों और जीने के तौर तरीकों को तथा अपनी भाषा और खानपान को सर्वश्रेष्ठ मानता है तथा चाहता है कि लोग उसी का अनुसरण और अनुकरण करें; यथाशक्ति दूसरों से अपने धर्म को श्रेष्ठतर समझते हुए वह चाहता है कि सभी लोग उसे अपनाएँ। इसके लिए वह जोर - जबर्दस्ती को भी बुरा नहीं समझता। धर्म के नाम पर होनेवाले जातिगत विद्वेष, मारकाट और हिंसा के पीछे मनुष्य की यही स्वार्थ भावना काम करती है।
'देश' शब्द का पर्यायवाची है
703 06231e318de069f6e1b8845e3
6231e318de069f6e1b8845e3सुखी, सफल और उत्तम जीवन जीने के लिए किए गए आचरण और प्रयत्नों का नाम ही धर्म है। देश, काल और सामाजिक मूल्यों की दृष्टि से संसार में भारी विविधता है , अतएव अपने - अपने ढंग से जीवन को पूर्णता की ओर ले जानेवाले विविध धर्मों के बीच भी ऊपर से विविधता दिखाई देती है। आदमी का स्वभाव है कि वह अपने विचारों और जीने के तौर तरीकों को तथा अपनी भाषा और खानपान को सर्वश्रेष्ठ मानता है तथा चाहता है कि लोग उसी का अनुसरण और अनुकरण करें; यथाशक्ति दूसरों से अपने धर्म को श्रेष्ठतर समझते हुए वह चाहता है कि सभी लोग उसे अपनाएँ। इसके लिए वह जोर - जबर्दस्ती को भी बुरा नहीं समझता। धर्म के नाम पर होनेवाले जातिगत विद्वेष, मारकाट और हिंसा के पीछे मनुष्य की यही स्वार्थ भावना काम करती है।
- 1वासवfalse
- 2अटवीfalse
- 3सदनfalse
- 4राष्ट्रtrue
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उत्तर : 4. "राष्ट्र "
प्र: किस विकल्प में समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों का अर्थ भेद सुसंगत है?
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62700d99f380c4441d2bc75a- 1कोर - कौर = ग्रास - किनाराfalse
- 2निश्चल - निश्छल = सीधा - स्थिरfalse
- 3सुधि- सुधी = विद्वान - चेतनाfalse
- 4परुष - पुरुष = कठोर - नरtrue
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उत्तर : 4. "परुष - पुरुष = कठोर - नर "
प्र:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्न उत्तर लिखिए :
भारतीय नारी त्याग, बलिदान, साहस, शक्ति तथा सेवा की सजीव मूर्ति है। जीवन में सुख - दुःख में छाया की भाँति पुरुष का साथ देने के कारण वह अर्द्धांगिनी, घर की व्यवस्थापिका होने के कारण वह लक्ष्मी और श्लाघनीय गुणों के कारण वह देवी कही जाती है। स्वार्थ और भोग - लिप्सा को तिलांजलि देकर भारतीय नारी ने आत्म बलिदान के द्वारा समय - समय पर ऐसी ज्योति प्रज्जवलित की है कि उसके पुनीत प्रकाश में पुरुष ने अपना मार्ग ढूँढ़ा है। उसकी शक्ति के आगे तो यमराज को भी हारना पड़ा नारी का सम्मान करके ही पुरुष का जीवन कुसुम सुवासित होता है । भारतीय संस्कृति के अनुसार जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं।
अर्द्धांगिनी शब्द का क्या अर्थ है?
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623829ff4704d2668c0e6028भारतीय नारी त्याग, बलिदान, साहस, शक्ति तथा सेवा की सजीव मूर्ति है। जीवन में सुख - दुःख में छाया की भाँति पुरुष का साथ देने के कारण वह अर्द्धांगिनी, घर की व्यवस्थापिका होने के कारण वह लक्ष्मी और श्लाघनीय गुणों के कारण वह देवी कही जाती है। स्वार्थ और भोग - लिप्सा को तिलांजलि देकर भारतीय नारी ने आत्म बलिदान के द्वारा समय - समय पर ऐसी ज्योति प्रज्जवलित की है कि उसके पुनीत प्रकाश में पुरुष ने अपना मार्ग ढूँढ़ा है। उसकी शक्ति के आगे तो यमराज को भी हारना पड़ा नारी का सम्मान करके ही पुरुष का जीवन कुसुम सुवासित होता है । भारतीय संस्कृति के अनुसार जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं।
- 1सम्मानfalse
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उत्तर : 4. " पत्नी"
प्र:निम्न गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नोंमें सबसे उचित विकल्प चुनिए-
कोई भी समाज शून्य में जीवित नहीं रह सकता। उसे अपने लोगों, अपने पशुओं, अपनी जमीन, अपने पेड़ - पौधों, अपने कुएँ, अपने तालाबों, अपने खेतों के लिए कोई - न - कोई ऐसी व्यवस्था बनानी पड़ती है जो समयसिद्ध और स्वयंसिद्ध हो। काल के किसी खण्ड विशेष में समाज के सभी सदस्यों के साथ मिल - जुलकर जो व्यवस्था बनती है, उसे फिर सभी सदस्य मिल - जुलकर पाल - पोसकर बड़ा करते हैं और मजबूत बनाते हैं। अपने ऊपर खुद लगाया हुआ यह अनुशासन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंपा जाता है।
' जीवित ' का विलोम है-
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625592931b65fd61bf51d9d4कोई भी समाज शून्य में जीवित नहीं रह सकता। उसे अपने लोगों, अपने पशुओं, अपनी जमीन, अपने पेड़ - पौधों, अपने कुएँ, अपने तालाबों, अपने खेतों के लिए कोई - न - कोई ऐसी व्यवस्था बनानी पड़ती है जो समयसिद्ध और स्वयंसिद्ध हो। काल के किसी खण्ड विशेष में समाज के सभी सदस्यों के साथ मिल - जुलकर जो व्यवस्था बनती है, उसे फिर सभी सदस्य मिल - जुलकर पाल - पोसकर बड़ा करते हैं और मजबूत बनाते हैं। अपने ऊपर खुद लगाया हुआ यह अनुशासन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंपा जाता है।
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