GK प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: 'सहरिया जनजाति के कुंभ' के रूप में किस मेले को जाना जाता है?
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5f7c3aa23f983379e3e30e04- 1शिल्पग्राम मेला,उदयपुरfalse
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उत्तर : 4. "सीताबाड़ी का मेला"
व्याख्या :
सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा)
यह मेला ज्येष्ठ अमावस्या को भरता है। इस मेले को “सहरिया जनजाति का कुम्भ” कहते है। हाडौती अंचल का सबसे बडा मेला है।
प्र: सहरिया जनजाति के कुम्भ' के नाम से प्रसिद्ध मेला है-
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6385eb4149a42a5ac18f1095- 1सीताबाड़ी मेलाtrue
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उत्तर : 1. "सीताबाड़ी मेला"
व्याख्या :
सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा)
यह मेला ज्येष्ठ अमावस्या को भरता है। इस मेले को “सहरिया जनजाति का कुम्भ” कहते है। हाडौती अंचल का सबसे बडा मेला है।
प्र: राजस्थान का 'उत्तर- तोताद्रि' कहलाता है
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62b04eff184ea83a638b0be4- 1मण्डोरfalse
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उत्तर : 3. "गलता "
व्याख्या :
गलता जी संपूर्ण उत्तर भारत की प्रथम एवं प्रधान जगदगुरु पीठ होने के कारण यह उत्तर तोताद्रि भी कहलाती है।
प्र: महाराणा प्रताप के दरबारी विद्वान जिसने मुहुर्त्तमाला ग्रन्थ की रचना की, वह था
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62b04da8cae9f820ba1a8e18- 1चक्रपाणि मिश्रtrue
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उत्तर : 1. "चक्रपाणि मिश्र"
व्याख्या :
महाराणा प्रताप के दरबारी विद्वान जिसने मुहुर्त्तमाला ग्रन्थ की रचना चक्रपाणि मिश्र ने की थी।
प्र: शेष राजस्थान से मरुस्थली प्रदेश को अलग करने वाली समवर्षा रेखा है
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62b04c96cae9f820ba1a899d- 120 सेमी.false
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उत्तर : 3. "50 सेमी."
व्याख्या :
अरावली के समानांतर मौजूद 50 सेंटीमीटर समवर्षा रेखा राजस्थान को दो भागों में विभाजित करती है।
प्र: हुरडा सम्मेलन किस वर्ष आयोजित हुआ?
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6303ba28fef7996822ebeeaf- 11734 ई.true
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उत्तर : 1. "1734 ई."
व्याख्या :
1. यह वर्ष 1734 में आयोजित किया गया था और जय सिंह और राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के अन्य प्रमुख शासकों ने इसकी अध्यक्षता की थी।
2. बैठक का उद्देश्य विभिन्न राजपूत जनजातियों की सेनाओं को एकजुट करना और उनकी भूमि पर विदेशियों के बढ़ते आक्रमणों को देखना और जाँचना था।
3. उस समय की अवधि के दौरान, मराठों ने भी भूमि पर आक्रमण करना शुरू कर दिया और प्रमुखता हासिल कर रहे थे।
4. राजपूत नेताओं ने जल्द ही महसूस किया कि मुगल शक्ति मराठा विस्तार का विरोध करने में असमर्थ थी और उन्होंने मराठों के खिलाफ एकजुट राजपुताना मोर्चा की शर्तों पर चर्चा करने के लिए हुरडा में एक सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया।
5. लंबे समय तक विचार-विमर्श के बाद, 17 जुलाई 1734 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
प्र: कौन - सा कारण हुरड़ा सम्मेलन बुलाने के लिए उत्तरदायी था?
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62b04293c0fa045a61df3c6e- 1सामाजिक सुधारfalse
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उत्तर : 3. "मराठा आक्रमण "
व्याख्या :
1. यह वर्ष 1734 में आयोजित किया गया था और जय सिंह और राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के अन्य प्रमुख शासकों ने इसकी अध्यक्षता की थी।
2. बैठक का उद्देश्य विभिन्न राजपूत जनजातियों की सेनाओं को एकजुट करना और उनकी भूमि पर विदेशियों के बढ़ते आक्रमणों को देखना और जाँचना था।
3. उस समय की अवधि के दौरान, मराठों ने भी भूमि पर आक्रमण करना शुरू कर दिया और प्रमुखता हासिल कर रहे थे।
4. राजपूत नेताओं ने जल्द ही महसूस किया कि मुगल शक्ति मराठा विस्तार का विरोध करने में असमर्थ थी और उन्होंने मराठों के खिलाफ एकजुट राजपुताना मोर्चा की शर्तों पर चर्चा करने के लिए हुरडा में एक सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया।
5. लंबे समय तक विचार-विमर्श के बाद, 17 जुलाई 1734 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
प्र: श्री मोतीलाल तेजावत द्वारा एकी आंदोलन की शुरुआत कहाँ से की गई?
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638df87558400a550dc09c08- 1उदयपुरfalse
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उत्तर : 2. " मातृकुण्डिया"
व्याख्या :
1. तेजावत जी ने सर्वप्रथम चितौड़ जिले के मातृकुण्डिया नामक स्थान पर सन् 1921 में एकी आंदोलन का सूत्रपात किया।
2. मोतीलाल तेजावत जन्म सन् 1886 में उदयपुर जिले के कोल्यारी गांव में हुआ था। तेजावत हिन्दी, उर्दू एवं गुजराती भाषाओं के अच्छे ज्ञाता थे।
3. वैशाख पूर्णिमा के दिन आप हजारों किसानों के साथ उदयपुर आकर महाराणा फतहसिंह से मिले व आपने महाराणा को 21 कलमें लगान, बेगार संबंधी प्रस्तुत की जिसमें से महाराणा ने 18 कलमें माफ कर दी।