'सहरिया जनजाति के कुंभ' के रूप में किस मेले को जाना जाता है?
(A) शिल्पग्राम मेला,उदयपुर
(B) बाणगंगा का मेला
(C) पुष्कर मेला
(D) सीताबाड़ी का मेला
सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा)
यह मेला ज्येष्ठ अमावस्या को भरता है। इस मेले को “सहरिया जनजाति का कुम्भ” कहते है। हाडौती अंचल का सबसे बडा मेला है।
सहरिया जनजाति के कुम्भ' के नाम से प्रसिद्ध मेला है-
(A) सीताबाड़ी मेला
(B) नागौर मेला
(C) डोल मेला
(D) बेणेश्वर मेला
सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा)
यह मेला ज्येष्ठ अमावस्या को भरता है। इस मेले को “सहरिया जनजाति का कुम्भ” कहते है। हाडौती अंचल का सबसे बडा मेला है।
राजस्थान का 'उत्तर- तोताद्रि' कहलाता है
(A) मण्डोर
(B) भीनमाल
(C) गलता
(D) अबूंद पर्वत
मोतीलाल तेजावत का सम्बन्ध था?
(A) बेंगू किसान आन्दोलन
(B) एकी किसान आन्दोलन
(C) मारवाड़ किसान आन्दोलन
(D) सीकर किसान आन्दोलन
1. मोतीलाल तेजावत को भील क्षेत्र में बावजी नाम से जाना जाता हैं।
2. मोतीलाल तेजावत एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, आदिवासी नेता और समाज सुधारक थे। उन्हें "आदिवासियों का मसीहा" के रूप में जाना जाता है।
3 तेजावत का जन्म 1886 में राजस्थान के उदयपुर जिले के कोलियारी गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की। बाद में, उन्होंने झाड़ोल ठिकाने में एक स्थानीय जागीदार के यहां कामदार का कार्य किया।
4. मोतीलाल तेजावत ने राजस्थान में 'एकी आंदोलन का उद्घाटन किया जिसकी की शुरुआत 1920 में हुई थी।
भील क्षेत्र में बावजी के नाम से जाने जाते हैं
(A) भोगीलाल पाण्ड्या
(B) इनमें से कोई नहीं
(C) श्री माणिक्यलाल वर्मा
(D) मोतीलाल तेजावत
1. मोतीलाल तेजावत को भील क्षेत्र में बावजी नाम से जाना जाता हैं।
2. मोतीलाल तेजावत एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, आदिवासी नेता और समाज सुधारक थे। उन्हें "आदिवासियों का मसीहा" के रूप में जाना जाता है।
3 तेजावत का जन्म 1886 में राजस्थान के उदयपुर जिले के कोलियारी गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की। बाद में, उन्होंने झाड़ोल ठिकाने में एक स्थानीय जागीदार के यहां कामदार का कार्य किया।
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