Rajasthan Geography Practice Question and Answer
8 Q: राजस्थान के थार मरुस्थल की परम्परागत जल संग्रहण तकनीक है -
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Answer : 1. "टांका"
Explanation :
1. खडीन-यह एक मिट्टी का बना हुआ अस्थायी तालाब होता है, इसे किसी ढाल वाली भूमि के नीचे बनाते हैं । इसके दोनों ओर मिट्टी की दीवार (धोरा) तथा तीसरी ओर पत्थर से बनी मजबूत दीवार होती है । जल की अधिकता पर खड़ीन भर जाता है तथा जल आगे वाली खडीन में चला जाता है । खडीन में जल के सूख जाने पर, इसमें कृषि की जाती है।
2. तालाब-राजस्थान में प्राय: वर्षा के जल का संग्रहण तालाब में किया जाता है। यहाँ स्त्रियों व पुरुषों के नहाने के पृथक् से घाट होते हैं। तालाब की तलहटी में कुआं बना होता है, जिसे बेरी कहते हैं। जल संचयन की यह प्राचीन विधि आज भी अपना महत्व रखती है। इससे भूमि जल का स्तर बढ़ता है।
4. बावड़ी-राजस्थान में बावड़ियों का अपना स्थान है । यह जल संग्रहण करने का प्राचीन तरीका है। यह गहरी होती है व इसमें उतरने के लिए सीढियाँ एवं तिबारे होते हैं तथा यह कलाकृतियों से सम्पन्न होती है ।
5. टांका: टांका एक भूमिगत जलाशय है जिसे वर्षा के जल को संग्रहित करने के लिए बनाया जाता है। टांका आमतौर पर एक वर्गाकार या आयताकार आकार का होता है और इसका निर्माण मिट्टी या पत्थर से किया जाता है। टांका के चारों ओर एक दीवार बनाई जाती है ताकि वर्षा का जल इसमें इकट्ठा हो सके।
Q: दुग्ध उत्पादन हेतु गाय की प्रसिद्ध किस्म है-
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6329f3ca5c208a6bf7df0a90- 1गिर और राठीtrue
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Answer : 1. "गिर और राठी"
Explanation :
गिर गाय : यह नसल राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में पायी जाती है। इसे देसण, गुजराती, सूरती, काठियावाड़ी, और सोरठी भी कहा जाता है। इसका शरीर लाल रंग का होता है जिस पर सफेद धब्बे, सिर गुबंद के आकार का और लंबे कान होते हैं। यह गाय प्रति ब्यांत में औसतन 2110 दूध देती है।
राठी गाय :इस नसल का मूल स्थान राजस्थान है। यह नसल राजस्थान के थार मारूस्थल, बीकानेर, गंगानगर और जैसलमेर जिलों तक फैली हुई है। इसकी खाल मुख्य तौर पर भूरे रंग की होती है, जिस पर सफेद धब्बे बने होते हैं और कई बार इसकी खाल काले या भूरे रंग की होती है, जिसपर सफेद धब्बे बने होते हैं। इसके बाकी शरीर के मुकाबले शरीर का निचला भाग रंग में हल्का होता है। इसका चौड़ा मुंह, पूंछ लंबी और लटकी हुई चमड़ी कोमल और ढीली होती है। यह एक ब्यांत में औसतन 1000-2800 किलो पैदा करती है। पहले ब्यांत के समय इस नसल की गाय की उम्र 36-52 महीने होनी चाहिए और इसका एक ब्यांत 15-20 महीने का होता है।
Q: माही कंचन और माही धवल किस फसल की किस्में हैं?
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Answer : 4. "मक्का"
Explanation :
1. कृषि अनुसंधान केन्द्र बांसवाड़ा की ओर से विकसित संकुल किस्म 'माही कंचन' मक्का फसल से संबंधित है।
2. माही कंचन, माही धवल और मेघा मक्का की किस्में हैं। राजस्थान राज्य में प्रमुख मक्का उत्पादक जिले भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, बांसवाड़ा और बूंदी हैं।
Q: कृषि अनुसंधान केन्द्र बांसवाड़ा की ओर से विकसित संकुल किस्म 'माही कंचन' किस फसल से संबंधित है?
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Answer : 2. "मक्का"
Explanation :
1. कृषि अनुसंधान केन्द्र बांसवाड़ा की ओर से विकसित संकुल किस्म 'माही कंचन' मक्का फसल से संबंधित है।
2. माही कंचन, माही धवल और मेघा मक्का की किस्में हैं। राजस्थान राज्य में प्रमुख मक्का उत्पादक जिले भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, बांसवाड़ा और बूंदी हैं।
Q: 'केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान' कहाँ स्थित है?
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6329f04d4ada076be658072b- 1बीकानेरtrue
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Answer : 1. "बीकानेर"
Explanation :
केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान का मुख्यालय बीकानेर शहर से 10 किमी दूर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 15 (बीकानेर-श्रीगंगानगर रोड) पर स्थित है जो 280 उत्तरी अक्षांश पर तथा 730 .18 पूर्वी देशांतर पर है तथा समुद्र के तल से 234.84 मी. ऊपर।
1. शुष्क क्षेत्र की बागवानी फसलों का उत्पादन एवं उपयोग बढ़ाने के लिए तकनीकियां विकसित करने हेतु योजना लक्षित मूल अध्ययन करना।
2. शुष्क बागवानी फसलों के ‘राष्ट्रीय जीन बैंक’ के रूप में कार्य करना।
3. शुष्क वातावरण में बहु बागवानी फसलों का प्रभावी फसल-चक्र विकसित करना।
4. शुष्क बागवानी से संबंधित वैज्ञानिक सूचनाओं के ‘राष्ट्रीय केन्द्र’ के रूप में कार्य करना।
5. राज्य कृषि विश्वविद्यालयों तथा अन्य समान कार्य करने वाले संस्थानों के मध्य मुख्य समन्वयक की भूमिका के साथ शुष्क बागवानी के ‘मानव संसाधन विकास केन्द्र’ के रूप में कार्य करना।
6. शुष्क बागवानी के विकास एवं अनुसंधान के लिए मार्गदर्शी परामर्श उपलब्ध कराना।
Q: राजस्थान में बैडलैंड स्थलाकृति देखी जा सकती है
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614aadbbe1e1995c6215b8a2- 1कोटा और बूंदीfalse
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Answer : 3. "सवाई माधोपुर, करौली और धौलपुर"
Explanation :
1. चम्बल नदी ‘उत्खात भूमि (Badland) के लिए कुख्यात है।
2. अर्द्धशुष्क प्रदेशों में स्थित असमान धरातल वाली उच्चस्थ भूमि जिस पर आकस्मिक तीव्र वर्षा हो जाने से गहरी-गहरी अवनलिकाओं (gullies) की पंक्तिया बन जाती हैं और संपूर्ण भूमि ऊबड़-खाबड़ हो जाती है। विभेदी अपरदन के कारण कठोर एवं प्रतिरोधी शैलें समीपस्थ भूमि के ऊपर लम्बें स्तंभ अथवा उच्च सपाट भूमि के रूप में दृष्टिगोचर होती है। यह भूमि पशुचारण तथा कृषि के लिए अनुपयुक्त होती है।
Q: निम्नलिखित में से कौन सी नदी ‘उत्खात भूमि (Badland) के लिए कुख्यात है?
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62681d7997c2ed7f1de4cc7c- 1चम्बलtrue
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Answer : 1. "चम्बल"
Explanation :
1. चम्बल नदी ‘उत्खात भूमि (Badland) के लिए कुख्यात है।
2. अर्द्धशुष्क प्रदेशों में स्थित असमान धरातल वाली उच्चस्थ भूमि जिस पर आकस्मिक तीव्र वर्षा हो जाने से गहरी-गहरी अवनलिकाओं (gullies) की पंक्तिया बन जाती हैं और संपूर्ण भूमि ऊबड़-खाबड़ हो जाती है। विभेदी अपरदन के कारण कठोर एवं प्रतिरोधी शैलें समीपस्थ भूमि के ऊपर लम्बें स्तंभ अथवा उच्च सपाट भूमि के रूप में दृष्टिगोचर होती है। यह भूमि पशुचारण तथा कृषि के लिए अनुपयुक्त होती है।
Q: ‘मावठ’ क्या है?
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61b38e08bcb1f45db0a8345a- 1राजस्थान के पहाड़ी क्षेत्रों में पैदा होने वाली वनस्पतिfalse
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Answer : 2. "राजस्थान में शीत ऋतु में होने वाली वर्षा"
Explanation :
1. उत्तर पश्चिमी भारत में, भूमध्य सागर से कुछ कमजोर समशीतोष्ण चक्रवात पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वर्षा का कारण बनते हैं।
2. पश्चिमी चक्रवाती विक्षोभ जो सर्दियों के महीनों के दौरान पश्चिम और उत्तर-पश्चिम से भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश करते हैं, भूमध्य सागर से उत्पन्न होते हैं और पश्चिमी जेट धारा द्वारा भारत में लाए जाते हैं।
3. शीत ऋतु के दौरान औसतन 4-5 पश्चिमी विक्षोभ बनते हैं और प्रत्येक पश्चिमी विक्षोभ में वर्षा का वितरण अलग-अलग होता है।
4.मावठ राजस्थानी शब्द है जिसका अर्थ "माघ वृष्टि" होता है ।गेहूं आदि फसलों के लिए अत्यधिक लाभकारी होती है। यह दक्षिण पश्चिमी भाग से आती है।
5. मावठ का अर्थ है "सर्दी में होने वाली वर्षा"। यह शब्द मुख्य रूप से राजस्थान और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में प्रचलित है। मावठ आमतौर पर दिसंबर से फरवरी के महीनों में होती है। यह वर्षा गेहूँ की फसल के लिए अत्यंत लाभदायक होती है।