Rajasthan Art History and Culture Practice Question and Answer

Q:

राजस्थान की किस रियासत ने ब्लू पॉटरी को संरक्षण दिया?

559 0

  • 1
    बूंदी
    Correct
    Wrong
  • 2
    उदयपुर
    Correct
    Wrong
  • 3
    जोधपुर
    Correct
    Wrong
  • 4
    जयपुर
    Correct
    Wrong
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Answer : 4. "जयपुर"
Explanation :

1. जयपुर के सवाई राम सिंह द्वितीय ने ब्लू पॉटरी को संरक्षण दिया।

2. ब्लू पॉटरी को व्यापक रूप से जयपुर के पारंपरिक शिल्प के रूप में मान्यता प्राप्त है।

3. यह मूल रूप से तुर्क-फ़ारसी का है।

4. अकबर के शासनकाल में यह कला फारस से लाहौर आई थी।

5. इसके बाद राम सिंह प्रथम इसे लाहौर से जयपुर ले लाए। हालाँकि, इस कला क सबसे अधिक विकास राम सवाई सिंह द्वितीय के दौरान हुआ था।

6. उन्होंने इस कला को सीखने के लिए चूड़ामन और कालूराम कुम्हार को दिल्ली भेजा।

Q:

लोक नाट्यकार नानूराम किस ख्याल के मुख्य प्रवर्तक माने जाते हैं?

562 0

  • 1
    शेखावटी ख्याल
    Correct
    Wrong
  • 2
    जयपुरी ख्याल
    Correct
    Wrong
  • 3
    हेला ख्याल
    Correct
    Wrong
  • 4
    कुचामनी ख्याल
    Correct
    Wrong
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Answer : 1. "शेखावटी ख्याल"
Explanation :

1. लोक नाट्यकार नानूराम का संबंंद्ध शेखावाटी ख्याल प्रवर्तक माने जाते हैं।

2. वह चिड़ावा, झुंझुनू (राजस्थान) के रहने वाले थे।

3. नानूराम और पुजीरा तेजी के काल को शेखावाटी ख्याल का स्वर्ण काल कहा जाता है।

Q:

प्रसिद्ध लोक देवता पाबूजी का जन्म कब हुआ था?

849 0

  • 1
    1240
    Correct
    Wrong
  • 2
    1235
    Correct
    Wrong
  • 3
    1105
    Correct
    Wrong
  • 4
    1239
    Correct
    Wrong
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Answer : 4. "1239"
Explanation :

1. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।

2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।

3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।

4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है।

5. पाबूजी की घोड़ी का नाम केसर कालमी था।

Q:

पाबूजी की घोड़ी का नाम क्या था?

827 0

  • 1
    लिलम
    Correct
    Wrong
  • 2
    मूमल
    Correct
    Wrong
  • 3
    केसर कलमी
    Correct
    Wrong
  • 4
    पेमल
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 3. "केसर कलमी"
Explanation :

1. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।

2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।

3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।

4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है।

5. पाबूजी की घोड़ी का नाम केसर कालमी था।

Q:

पाबूजी के पिता का नाम क्या था?

1231 0

  • 1
    सूरजमल
    Correct
    Wrong
  • 2
    धांधल जी
    Correct
    Wrong
  • 3
    जयमल
    Correct
    Wrong
  • 4
    ताहड़जी
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 2. "धांधल जी"
Explanation :

1. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।

2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।

3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।

4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है। 

Q:

कोलू गांव किस लोक देवता से सम्बद्ध है?

565 0

  • 1
    तल्लीनाथ जी
    Correct
    Wrong
  • 2
    पाबूजी
    Correct
    Wrong
  • 3
    देवनारायण जी
    Correct
    Wrong
  • 4
    रामदेव जी
    Correct
    Wrong
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 2. " पाबूजी"
Explanation :

कोलू गांव पाबूजी से सम्बद्ध है। पाबूजी राजस्थान के लोकदेवता हैं। उन्हें मवेशियों के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। उनका जन्म कोलू गांव में हुआ था। कोलू गाँव राजस्थान में जोधपुर जिले की फलौदी तहसील में स्थित है।

Q:

'वंश भास्कर' के रचयिता कौन हैं?

571 0

  • 1
    श्यामल दास
    Correct
    Wrong
  • 2
    सूर्यमल्ल मिश्रण
    Correct
    Wrong
  • 3
    जयानक
    Correct
    Wrong
  • 4
    मुंशी देवी प्रसाद
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 2. "सूर्यमल्ल मिश्रण"
Explanation :

1. वंश भास्कर उन्नीसवीं शताब्दी में रचित राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक पिंगल काव्य ग्रंथ है।

2. इस में बूँदी राज्य एवं उत्तरी भारत का इतिहास वर्णित है। वंश भास्कर की रचना चारण कवि सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा की गई थी जो बूँदी के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी कवि थे।

Q:

"वंश भास्कर" किस भाषा में लिखा गया है?

648 0

  • 1
    मेवाड़ी
    Correct
    Wrong
  • 2
    अपभ्रंश
    Correct
    Wrong
  • 3
    हाड़ौती
    Correct
    Wrong
  • 4
    इनमें से कोई नहीं
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 4. "इनमें से कोई नहीं"
Explanation :

1. वंश भास्कर उन्नीसवीं शताब्दी में रचित राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक पिंगल काव्य ग्रंथ है।

2. इस में बूँदी राज्य एवं उत्तरी भारत का इतिहास वर्णित है। वंश भास्कर की रचना चारण कवि सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा की गई थी जो बूँदी के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी कवि थे।

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