लिंगराज मंदिर की नींव डाली थी ?
1579 05fd313a9c46a213fc5c3db5f1. 11वीं शताब्दी में निर्मित लिंगराज मंदिर, भगवान शिव को समर्पित मंदिर है इसे भुवनेश्वर (ओडिशा) शहर का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है।
2. यह लाल पत्थर से निर्मित है जो कलिंग शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
3. विशाल परिसर में फैले इस मंदिर में 150 सहायक मंदिर हैं।
4. इसका निर्माण सोमवंशी राजा ययाति प्रथम (Yayati I) ने करवाया था।
लिंगराज मंदिर किस प्रदेश में है?
1386 05ed5c80e436d8a49583b07621. 11वीं शताब्दी में निर्मित लिंगराज मंदिर, भगवान शिव को समर्पित मंदिर है इसे भुवनेश्वर (ओडिशा) शहर का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है।
2. यह लाल पत्थर से निर्मित है जो कलिंग शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
3. विशाल परिसर में फैले इस मंदिर में 150 सहायक मंदिर हैं।
विश्वविख्यात ‘रॉक गार्डेन’ कहाँ स्थित है?
725 063287e7ca323937dac0827f31. प्रसिद्ध रॉक गार्डन चंडीगढ़ में स्थित है।
2. भारत में पहला रॉक गार्डन चंडीगढ़ में स्थापित किया गया है।
3. इसका निर्माण वर्ष 1957 में अधिकारी नेक चंद द्वारा किया गया था।
4. चंडीगढ़ का पहला रॉक गार्डन नेक चंद रॉक गार्डन के नाम से भी जाना जाता है।
5. यह सुखना झील के पास स्थित है।
निम्नलिखित में से क्या सीखे गये और साझा किये गये विश्वासों और व्यवहारों को दर्शाता है?
875 0606d7ab0affa2d5265b8ae5fसंस्कृति को सीखे गए और साझा किए गए व्यवहार, विश्वास, दृष्टिकोण, मूल्य और भौतिक वस्तुओं के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी विशेष समूह या समाज की विशेषता रखते हैं।
कौन सी नदी कृष्णा नदी की सहायक नहीं है?
713 062dfda9457c13128f9863db8ये सभी नदीयाँ कृष्णा नदी की सहायक है।
- तुंगभद्रा
- घाटप्रभा
- मालप्रभा
‘ऐवरी वोट काउंट्स’ - किताब _____ द्वारा लिखित है।
758 06329e7fc5c208a6bf7dec16e‘ऐवरी वोट काउंट्स’ - किताब नवीन चावला द्वारा लिखित है। वे भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। इस किताब में उन्होंने भारत के चुनावों के इतिहास और संचालन के बारे में बताया है।
किस सिख गुरु के द्वारा गुरुमुखी लिपि शुरू की गई?
573 06329b1be4ada076be656f8f41. गुरमुखी लिपि 16 वीं शताब्दी ईस्वी में द्वितीय सिख गुरु, गुरु अंगद (1539-1552) द्वारा बनाई गई थी।
2. वह गुरु नानक (1469-1539) की मृत्यु के बाद दूसरे सिख गुरु थे।
3. सिख धार्मिक पुस्तक, गुरु ग्रंथ साहिब या आदि ग्रंथ इसी लिपि में लिखे गये थे।