भारत के संविधान में निम्नलिखित में से कौन सा संशोधन पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है?
605 062f0f77506679c6dabc68c071. मूल संविधान में 73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा भाग-9 के अंतर्गत पंचायती राज से संबंधित उपबंधों की चर्चा (अनुच्छेद 243) की गई है । भाग-9 में ‘पंचायतें’ नामक शीर्षक के तहत अनुच्छेद 243-243ण (243-243O) तक पंचायती राज से संबंधित उपबंध हैं।
2. भारत में प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को लोकतंत्र की नींव के रूप में पंचायती राज दिवस मनाया जाता है।
3. पंचायती राज व्यवस्था, ग्रामीण भारत की स्थानीय स्वशासन की प्रणाली है।
4. पंचायती राज व्यवस्था तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा राजस्थान के
5. नागौर जिले के बगधरी गांव में 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई।
7. राजस्थान तथा आन्ध्र प्रदेश राज्यों में स्थानीय सरकार स्वरूप को सर्वप्रथम अंगीकार किया।
8. भारतीय संविधान में पंचायती राज की अवधारणा राज्य नीति के निदेशक तत्वोंनिहित है।
9. पंचायतों का कार्यकाल पाँच वर्ष निर्धारित है लेकिन कार्यकाल से पहले भी इसे भंग किया जा सकता है।
10. पंचायती राज से संबंधित सभी प्रकार की प्रमुख समितियाँ निम्न हैं
- बलवंत राय मेहता समिति (1957)
- अशोक मेहता समिति (1977)
- जी. वी. के राव समिति (1985)
- एल.एम. सिंघवी समिति (1986)
राज्य में प्रकाश की सर्वाधिक लम्बी अवधि निम्न में से किस दिन रहती है?
583 061d66e835351126dae2447f11. राजस्थान में प्रकाश की सर्वाधिक लम्बी अवधि 21 जून को रहती है। इस दिन सूर्य की किरणें राजस्थान के ऊपर लंबवत पड़ती हैं।
2. इस दिन को ग्रीष्म अयनांत कहा जाता है, जो ग्रीष्म ऋतु का सबसे लंबा दिन होता है।
राजस्थान में सर्वाधिक आँधियाँ किस जिले में आती हैं ?
582 061d66cd05351126dae24417a1. राजस्थान में सर्वाधिक आँधियाँ श्रीगंगानगर जिले में आती हैं। श्रीगंगानगर जिले में मई और जून के महीने में लगभग 27 दिनों तक धूल भरी आंधियां रहती है। इसके बाद बीकानेर और जोधपुर है।
राजस्थान में ‘जंगल की ज्वाला’ किस वृक्ष को कहा जाता है?
688 061d66b7b35bd1c6dbaf9ce361. राजस्थान में ‘जंगल की ज्वाला’ पलाश वृक्ष को कहा जाता है। पलाश को टेसू के नाम से भी जाना जाता है।
2. यह एक मध्यम आकार का वृक्ष है जिसकी ऊँचाई लगभग 6-12 मीटर होती है।
3. ब्यूटिया मोनोस्पर्म वैज्ञानिक नाम है।
4. पलाश के फूल चमकीले लाल या पीले रंग के होते हैं और 5. जनवरी से मार्च के महीने में खिलते हैं। पलाश के फूलों की भरमार के कारण इस वृक्ष को ‘जंगल की ज्वाला’ कहा जाता है।
हाड़ौती के पठार की औसत ऊँचाई है ?
715 061d6697a35bd1c6dbaf9ac981. राजस्थान का दक्षिणी-पूर्वी भाग एक पठारी भाग है, जिसे 'दक्षिणी-पूर्वी पठार एवं हाडौती के पठार' के नाम से जाना जाता है। यह मालवा के पठार का विस्तार है |
2. इस क्षेत्र की औसत ऊँचाई 500 मीटर है तथा यहाँ अर्द्ध-चन्द्राकार रूप में पर्वत श्रेणियों का विस्तार है जो क्रमशः बूंदी और मुकुन्दवाड़ा की पहाड़ियों के नाम से जानी जाती है। यहाँ चम्बल नदी और इसकी प्रमुख सहायक कालीसिंह, परवन और पार्वती नदियाँ प्रवाहित है, उनके द्वारा निर्मित मैदानी प्रदेश कृषि के लिये उपयुक्त है।
3. दक्षिणी - पूर्वी पठार प्रदेश (हाडौती के पठार) प्रमुख विशेषता -
- इस क्षेत्र में राज्य की 11 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
- दक्षिण पूर्वी पठारी प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का 9.6 प्रतिशत है।
- इसका विस्तार भीलवाड़ा, फोटो, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों में है।
- यह पठारी भाग अरावली और विंध्याचल पर्वत के बीच संक्रान्ति प्रदेश है।
- इस प्रदेश में लावा मिश्रित शैल एवं विन्ध्य शैलों का सम्मिश्रण है।
‘राजस्थान का प्रादेशिक भूगोल’ पुस्तक के लेखक है ?
2176 061d667c6135e0e6d8f52c95c1. डॉ. हरिमोहन सक्सेना ने 1994 में “राजस्थान का प्रादेशिक भूगोल" नामक पुस्तक की रचना की जिसमें उच्चावच एवं भौगोलिक संरचना के आधार पर राजस्थान को चार भौतिक प्रदेशों में विभाजित किया गया।
राजस्थान के निम्नलिखित में से कौन-कौनसे स्थल गोंडवाना लैण्ड के भाग हैं?
1.दक्षिणी पूर्वी पठारी भाग
2.अरावली पर्वत श्रेणी
3.पूर्वी मैदान भाग
4.पश्चिमी बालुका मैदान
4438 061d6669135bd1c6dbaf998141. दक्षिणी पूर्वी पठारी भाग: राजस्थान का दक्षिणी-पूर्वी भाग एक पठारी भाग है, जिसे 'दक्षिणी-पूर्वी पठार एवं हाडौती के पठार' के नाम से जाना जाता है। यह मालवा के पठार का विस्तार है।
2. अरावली पर्वत श्रेणी: अरावली भारत के पश्चिमी भाग राजस्थान में स्थित एक पर्वतमाला है। जिसे राजस्थान में आडावाला पर्वत के नाम से भी जाना जाता है।