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निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्न के उत्तर दीजिए-
 विद्याभ्यासी पुरुष को साथियों का अभाव कभी नहीं रहता। उसकी कोठरी में सदा ऐसे लोगों का वास रहता है, जो अमर हैं। वे उसके प्रति सहानुभूति प्रकट करने और उसे समझाने के लिए सदा प्रस्तुत रहते हैं। कवि, दार्शनिक और विद्वान जिन्होंने प्रकृति के रहस्यों का उद्घाटन किया है और बड़े - बड़े महात्मा, जिन्होंने आत्मा के गूढ़ रहस्यों की थाह लगा ली है, सदा उसकी बातें सुनने और उसकी शंकाओं का समाधान करने के लिए उद्यत रहते हैं। बिना किसी उद्देश्य के सरसरी तौर पर पुस्तकों के पन्ने उलटते जाना अध्ययन नहीं है। लिखी हुई बातों को विचारपूर्वक, पूर्णरूप से हृदय से ग्रहण करने का नाम अध्ययन है। प्रत्येक स्त्री - पुरुष को अपनी शिक्षा का उद्देश्य स्थिर कर लेना चाहिए।

प्र:

'विद्वान' का स्त्रीलिंग है-

  • 1
    महिषी
  • 2
    विभूषी
  • 3
    ज्ञानी
  • 4
    विदुषी
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उत्तर : 4. "विदुषी "
व्याख्या :

1. संज्ञा शब्द के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते हैं।

- पुल्लिंग – जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे पुल्लिंग कहलाते हैं; जैसे-  विद्वान, मोती, कौआ, खरगोश, मंडल घोड़ा, हाथी, कुत्ता, आयुष पक्षी, चीता, पानी आदि।

- स्त्रीलिंग - जो शब्द स्त्रीलिंग जाति का बोध कराते हैं, वे स्त्रीलिंग कहलाते हैं; जैसे- विदुषी, तृष्णा, बेटी, पुत्री, शिक्षिका, गाय, मोरनी, माता, लड़की, भेद, गाय, भैंस, बकरी, लोमड़ी, बंदरिया, मछली, बुढिया, शेरनी, नारी, रानी आदि।

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