Practice Question and Answer

Q:

किशनगंज व शाहबाद में सहरिया जनजाति का कितना प्रतिशत पाया जाता है?

520 0

  • 1
    98
    Correct
    Wrong
  • 2
    95
    Correct
    Wrong
  • 3
    85
    Correct
    Wrong
  • 4
    95.20
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 1. "98"
Explanation :

1. सहरिया राजस्थान में सबसे पिछड़ी अनुसूचित जनजाति है।

2. बाराँ जिले के किशनगंज और शाहबाद तहसील में 98 फीसदी सहरिया आदिवासी रहते हैं।

Q:

'सहरिया जनजाति के कुंभ' के रूप में किस मेले को जाना जाता है?

2289 0

  • 1
    शिल्पग्राम मेला,उदयपुर
    Correct
    Wrong
  • 2
    बाणगंगा का मेला
    Correct
    Wrong
  • 3
    पुष्कर मेला
    Correct
    Wrong
  • 4
    सीताबाड़ी का मेला
    Correct
    Wrong
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Answer : 4. "सीताबाड़ी का मेला"
Explanation :

सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा)

यह मेला ज्येष्ठ अमावस्या को भरता है। इस मेले को “सहरिया जनजाति का कुम्भ” कहते है। हाडौती अंचल का सबसे बडा मेला है।

Q:

सहरिया जनजाति के कुम्भ' के नाम से प्रसिद्ध मेला है-

598 0

  • 1
    सीताबाड़ी मेला
    Correct
    Wrong
  • 2
    नागौर मेला
    Correct
    Wrong
  • 3
    डोल मेला
    Correct
    Wrong
  • 4
    बेणेश्वर मेला
    Correct
    Wrong
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Answer : 1. "सीताबाड़ी मेला"
Explanation :

सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा)

यह मेला ज्येष्ठ अमावस्या को भरता है। इस मेले को “सहरिया जनजाति का कुम्भ” कहते है। हाडौती अंचल का सबसे बडा मेला है।

Q:

राजस्थान का 'उत्तर- तोताद्रि' कहलाता है

2633 0

  • 1
    मण्डोर
    Correct
    Wrong
  • 2
    भीनमाल
    Correct
    Wrong
  • 3
    गलता
    Correct
    Wrong
  • 4
    अबूंद पर्वत
    Correct
    Wrong
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Answer : 3. "गलता "
Explanation :

गलता जी संपूर्ण उत्तर भारत की प्रथम एवं प्रधान जगदगुरु पीठ होने के कारण यह उत्तर तोताद्रि भी कहलाती है।


Q:

महाराणा प्रताप के दरबारी विद्वान जिसने मुहुर्त्तमाला ग्रन्थ की रचना की, वह था 

1050 0

  • 1
    चक्रपाणि मिश्र
    Correct
    Wrong
  • 2
    ताराचन्द
    Correct
    Wrong
  • 3
    रामा सान्दु
    Correct
    Wrong
  • 4
    माला सान्दु
    Correct
    Wrong
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Answer : 1. "चक्रपाणि मिश्र"
Explanation :

महाराणा प्रताप के दरबारी विद्वान जिसने मुहुर्त्तमाला ग्रन्थ की रचना चक्रपाणि मिश्र ने की थी।


Q:

शेष राजस्थान से मरुस्थली प्रदेश को अलग करने वाली समवर्षा रेखा है 

695 0

  • 1
    20 सेमी.
    Correct
    Wrong
  • 2
    10 सेमी.
    Correct
    Wrong
  • 3
    50 सेमी.
    Correct
    Wrong
  • 4
    30 सेमी.
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 3. "50 सेमी."
Explanation :

अरावली के समानांतर मौजूद 50 सेंटीमीटर समवर्षा रेखा राजस्थान को दो भागों में विभाजित करती है।


Q:

हुरडा सम्मेलन किस वर्ष आयोजित हुआ?

570 0

  • 1
    1734 ई.
    Correct
    Wrong
  • 2
    1740 ई.
    Correct
    Wrong
  • 3
    1804 ई.
    Correct
    Wrong
  • 4
    1757 ई.
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 1. "1734 ई."
Explanation :

1. यह वर्ष 1734 में आयोजित किया गया था और जय सिंह और राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के अन्य प्रमुख शासकों ने इसकी अध्यक्षता की थी।

2. बैठक का उद्देश्य विभिन्न राजपूत जनजातियों की सेनाओं को एकजुट करना और उनकी भूमि पर विदेशियों के बढ़ते आक्रमणों को देखना और जाँचना था।

3. उस समय की अवधि के दौरान, मराठों ने भी भूमि पर आक्रमण करना शुरू कर दिया और प्रमुखता हासिल कर रहे थे।

4. राजपूत नेताओं ने जल्द ही महसूस किया कि मुगल शक्ति मराठा विस्तार का विरोध करने में असमर्थ थी और उन्होंने मराठों के खिलाफ एकजुट राजपुताना मोर्चा की शर्तों पर चर्चा करने के लिए हुरडा में एक सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया।

5. लंबे समय तक विचार-विमर्श के बाद, 17 जुलाई 1734 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

Q:

कौन - सा कारण हुरड़ा सम्मेलन बुलाने के लिए उत्तरदायी था? 

640 0

  • 1
    सामाजिक सुधार
    Correct
    Wrong
  • 2
    मुस्लिम आक्रमण
    Correct
    Wrong
  • 3
    मराठा आक्रमण
    Correct
    Wrong
  • 4
    पिण्डारी आक्रमण
    Correct
    Wrong
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Answer : 3. "मराठा आक्रमण "
Explanation :

1. यह वर्ष 1734 में आयोजित किया गया था और जय सिंह और राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के अन्य प्रमुख शासकों ने इसकी अध्यक्षता की थी।

2. बैठक का उद्देश्य विभिन्न राजपूत जनजातियों की सेनाओं को एकजुट करना और उनकी भूमि पर विदेशियों के बढ़ते आक्रमणों को देखना और जाँचना था।

3. उस समय की अवधि के दौरान, मराठों ने भी भूमि पर आक्रमण करना शुरू कर दिया और प्रमुखता हासिल कर रहे थे।

4. राजपूत नेताओं ने जल्द ही महसूस किया कि मुगल शक्ति मराठा विस्तार का विरोध करने में असमर्थ थी और उन्होंने मराठों के खिलाफ एकजुट राजपुताना मोर्चा की शर्तों पर चर्चा करने के लिए हुरडा में एक सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया।

5. लंबे समय तक विचार-विमर्श के बाद, 17 जुलाई 1734 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

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