Join Examsbook
662 0

वे दिन चले गये,  जब साहित्य वैयक्तिक प्रेम और विरह के हल्के गाने गाकर समाज में आदर का अधिकारी समझा जा सकता था। आज उसे वैयक्तिकता से ऊपर उठकर समूह के सपनों और समूह की आकांक्षाओं को चित्रित करना होगा । जिस प्रकार वैयक्तिक मोक्ष की जगह सामाजिक मुक्ति ने ले ली है, उसी प्रकार साहित्य में भी वैयक्तिक भावनाओं से ऊपर सामूहिक आवेगों को प्रधानता मिलनी चाहिए। और जिस प्रकार, समूह की मुक्ति को गाँधी जी ने वैयक्तिक मोक्ष का साधन माना था, उसी प्रकार हमें वैयक्तिक अनुभूतियों को भी सामूहिक अनुभूति के माध्यम से लिखना होगा।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उपरोक्त गद्यांश के आधार पर दीजिए 

Q:

'मोक्ष' का आशय क्या है? 

  • 1
    शक्ति
  • 2
    उन्नति
  • 3
    मुक्ति
  • 4
    भक्ति
  • Show AnswerHide Answer
  • Workspace

Answer : 3. "मुक्ति "

Are you sure

  Report Error

Please Enter Message
Error Reported Successfully