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निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्न के उत्तर दीजिए
 महापुरुष लोग जब आते हैं हम, अच्छी तरह नहीं पहचान पाते, क्योंकि हमारा मन भीरू और अस्वच्छ है, स्वभाव शिथिल है, अभ्यास दुर्बल है. हमारे मन में वह क्षमता नहीं है जिससे हम महानता को पूरी तरह समझ सकें, उसको ग्रहण कर सकें. जो महापुरुष प्रेम देकर अपना परिचय देते हैं, उनको हम उनके प्रेम से किसी सीमा तक समझ भी सकते हैं. हम लोग समझ गए हैं कि,”  गांधी जी हमारे हैं.” उनके प्रेम में ऊंच-नीच का अंतर नहीं है, मूर्ख और विद्वान का अंतर नहीं है, अमीर और गरीब का भेद नहीं है. उन्होंने अपना प्रेम सभी को समान रूप से वितरित किया है. उन्होंने कहा,” सबका कल्याण हो, सबका मंगल हो “. उन्होंने जो भी कहा है वह केवल बातों से नहीं कहा है अपितु दुख की वेदना से कहा है. उनका धैर्य देखकर, ममता देखकर, उनका संकल्प सिद्ध हो गया है, किंतु किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती से नहीं अपितु त्याग द्वारा, दुख द्वारा, तपस्या द्वारा वह अपने संकल्प में सफल हुए

Q:

'महापुरुष' में प्रयुक्त समास का नाम क्या है?

  • 1
    तत्पुरुष समास
  • 2
    कर्मधारय समास
  • 3
    अव्ययीभाव समास
  • 4
    बहुव्रीहि समास
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Answer : 2. "कर्मधारय समास"

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