निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 100 से 105 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :
दिशाएँ निमंत्रण मुझे दे रही हैं,
न अवरोध कोई न बाधा कहीं है,
सफलता का यह द्वार मेरे लिए है ।। नहीं पथ-डगर आज अनजान कोई ।।
न संदेह कोई न व्यवधान कोई । अटल एक विश्वास मन में भरा है,
हृदय में कहीं कह रहा बात कोई,
नहीं कुछ यहाँ जो मुझे रोक पाए, न कोई यहाँ जो मुझे टोक पाए।
धरा औ गगन सिर्फ तेरे लिए है ।। मुझे आज लगता कि मैं वह नहीं हूँ ।
अजानी हवा में बहे जा रहा हूँ
रही जगमगा इंद्रधनुषी दिशाएँ, दिगंतर मंदिर रस अलौकिक पिए हैं ।।