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निर्देश : गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सही उत्तर दीजिए|

         नैतिकता हमारे लिए सामाजिक मानदण्ड उपस्थित करती हैं क्योंकि यह उचित और अनुचित का ज्ञान कराती है। नैतिक नियमों में चरित्र - निर्माण की महत्ता पर जोर दिया जाता है और उन्हें मानने वाले कर्त्तव्य की भावना से प्रेरित होकर व्यवहार करते हैं। नैतिकता महज इसलिए नहीं मानी जाती कि पूर्वज भी ऐसा मानते आए। बल्कि वह के इसलिए मानी जाती है क्योंकि इसके पीछे न्याय , पवित्र , औचित्य व दृढ़ता होती है। नैतिकता - आत्म - चेतना से प्रेरित होती है । रूढ़ियाँ तो तर्कपूर्ण नहीं होती किन्तु नैतिकता का आधार मनुष्य के जीवन - मूल्य होते हैं जिनके अनुसार वे तर्कों का निर्माण कर लेते हैं। नैतिकता रूढ़ियों व जनरीतियों की अपेक्षा स्थायित्व लिए रहती है। नैतिकता का एक और अर्थ हो सकता है , जिसका संबंध एक समूह - विशिष्ट से होता है। जैसे डॉक्टरों की नैतिकता, प्राध्यापकों की नैतिकता आदि। उदाहरण के लिए, एक डॉक्टर की आचार संहिता में यह ज्ञात होता है कि कोई भी रोगी चाहे वह गरीब हो या अमीर, यदि वह आधी रात को भी उसके पास आता है , तो वह उसका इलाज अवश्य करेगा। इस प्रकार नैतिकता आचार - शास्त्र के बहुत निकट हैं। नैतिकता से ही संबंधित धर्म की अवधारणा है। धर्म प्रायः सिद्धान्तों का समर्थन करता है।

Q:

'चरित्र - निर्माण' शब्द में कौनसा समास होगा? 

  • 1
    द्वंद्व समास
  • 2
    अव्ययीभाव समास
  • 3
    तत्पुरूष समास
  • 4
    द्विगु समास
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Answer : 3. "तत्पुरूष समास "

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