SSC, RRB और IBPS परीक्षा के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) - NRA को मिली मंजूरी!
केंद्र सरकार की एसएससी, रेलवे और बैंक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहें भारत के करोड़ों युवाओं के लिए बड़ी खबर। दरअसल, सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) के लिए अलग-अलग परीक्षाओं के सिस्टम को समाप्त कर दिया है, जो कि पहले उम्मीदवारों को इन तीनो विभागों में केवल प्रवेश पाने के लिए 3 अलग अलग प्रारंभिक परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ता था। लेकिन, अब नई व्यवस्था के तहत इन सरकारी विभागों के लिए अभ्यर्थियों को अलग-अलग परीक्षाएं नहीं देनी होगी, बल्कि तीनो में प्रवेश के लिए केवल एक ही परीक्षा यानी CET (Common Eligibility Test) को पार करना होगा। हालांकि, इन विभागों की शेष 2 चरणों (मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू ) की परीक्षाएं विधिवत रहेंगी । चलिए विस्तार से जानें-
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) की स्थापना के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की ओर से एक घोषणा की गयी है, जिसमें सरकार ने एक कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करके भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के निर्माण के फैसले पर मुहर लगा दी है। बता दें कि देश में फिलहाल 20 ऐसी एजेंसियां है, जो सरकारी नौकरियों में भर्ती करती है। लेकिन, अब नई एजेंसी NRA के गठन के बाद वर्ष 2021 से बैंकिंग, रेलवे और एसएससी में ग्रुप B और C की मुख्य परीक्षाओं में चयन के लिए उम्मीदवारों को केलव कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट ही पास करना होगा।
NRA क्या है एंव इसके कार्य क्या होंगे?
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी एक संस्था है, जिसका गठन सरकार द्वारा जल्द ही किया जायेगा और देश में होने वाली नॉन-गैजेटेड बैंकों व क्लर्क के पदों समेत अन्य कई सरकारी संस्थाओं में होने वाली भर्तियों के लिए अब एक परीक्षा CET का आयोजन होगा। NRA एक स्वतंत्र, पेशेवर, विशेषज्ञ संगठन होगा। आपको बता दें कि नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना NTA के तर्ज पर की जाएगी। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी भर्ती प्रक्रिया की व्यवस्था में अहम् भूमिका निभाएगी।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी गठन के बाद दसवीं, बारहवीं और स्नातक स्तर पर एक कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) कराएगी, जो साल भर में दो बार होगा। इस परीक्षा के अंकों के आधार पर छात्र और अभ्यर्थी अलग-अलग विभागों जैसे बैंक, एसएससी या रेलवे का फॉर्म भर सकेंगे। इस परीक्षा के अंक तीन साल तक के लिए मान्य होंगे। तीन साल बाद सरकारी नौकरियों का फॉर्म भरने के लिए अभ्यर्थी को फिर से यह योग्यता परीक्षा (CET) देना होगा।
वर्तमान में, प्रत्येक वर्ष 2.5 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों के लिए कई परीक्षाएं आयोजित की जाती है। वहीं, भर्ती प्रक्रिया को एक चक्र पूरा करने में लगभग 18 महीने से भी अधिक समय लगता है। एनआरए सीईटी का कार्यान्वयन सभी उम्मीदवारों के लिए एक स्तर का खेल क्षेत्र प्रदान करेगा और विशिष्ट पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा के रूप में माना जाएगा।
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सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) से लाभ -
केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र कुमार ने कहा कि सीईटी की पहुंच दूर-दराज के लोगों, वंचितों और महिलाओं तक भी समान रूप से होगी, इससे लोगों को समान अवसर प्राप्त होंगे तथा करोड़ों युवाओं को सीधा फायदा मिलेगा। जो निम्न प्रकार है-
- सीईटी एक तरह से प्रारंभिक स्तर की परीक्षा होगी, जिसमें उम्मीोदवारों का स्क्रीनिंग कर उन्हें शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
- उम्मीदवारों द्वारा सीईटी में प्राप्त स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्षों की अवधि के लिए वैध होंगे। वैध उपलब्ध अंकों में से सबसे उच्चतम स्कोर को उम्मीमदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा।
- सामान्य योग्यता परीक्षा ऊपरी आयु सीमा के अधीन होगी और उम्मीदवारों के सीईटी में भाग लेने के लिए अवसरों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी।
- सरकार की मौजूदा आरक्षण नीतियों के अनुसार एससी, एसटी, ओबीसी, महिला और दिव्यांग उम्मीदवारों को ऊपरी आयु-सीमा में छूट दी जाएगी।
- सीईटी परीक्षा का सिलेबस सामान्य होने के साथ-साथ मानक भी होगा। यह उन उम्मीदवारों के बोझ को कम करेगा, जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिए विभिन्न सिलेबस के अनुसार अलग-अलग सिलेबस की तैयारियां करते हैं।
- उम्मीदवार परीक्षण अनुसूची कर सकते हैं और अपनी पसंद का परीक्षा केंद्र चुन सकते हैं।
- सीईटी के अंकों को केंद्र सरकार, राज्य सरकार, संघ राज्य क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र के साथ साझा किया जा सकता है।
- सीईटी 1000 से अधिक केंद्रों पर आयोजित किया जाएगा और हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र होगा।
- सीईटी अनेक भाषाओं में आयोजित की जाएगी, इसे हाल ही में आए सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बहुभाषी और स्थानीय भाषा शिक्षा पद्धति के कारण शामिल किया गया है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इससे देश के विभिन्न हिस्सों के अलग-अलग भाषा के लोगों को परीक्षा में बैठने और चयनित होने के समान अवसर प्राप्त होंगे।
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सारांश:
दोस्तों, जहां वर्तमान में सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं देनी पड़ती है, जिसमें उम्मीदवार के पैसे और समय दोनों का नुकसान होता है क्योंकि अलग-अलग भर्ती एजेंसियां अलग-अलग परीक्षाओं का अलग-अलग शुल्क लेती हैं। इसके साथ ही इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए अभ्यर्थियों को लंबी दूरियां तय करनी पड़ती है। लेकिन, अब सरकार के इस नये फैसले ने निश्चित रूप से CET द्वारा छात्रों के ऊपर पड़ने वाले हजारों परीक्षाओं के बोझ को कम कर दिया है और एक ही परीक्षा से आगे जाने का मौका दिया है।
आज हमनें इस लेख की सहायता से सभी छात्रों को एनआरए एंव सीईटी के कार्य, लाभ और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, ताकि वे सरकार की इस नई व्यवस्था से परीचित होकर अपनी परीक्षा तैयारी को बेहतर बना सकें। साथ ही, इससे संबंधित आने वाली आगामी जानकारी के लिए हम आपको समय-समय पर अपडेट देते रहेंगे।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!!