महाजनपद काल
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भारत का इतिहास और संस्कृति अपने प्रारम्भिक काल से ही गौरवशाली रही हैं | भारत विश्व गुरु और सोने की चिड़िया कहलाता था | सम्पूर्ण विश्व को परिवार के रूप में मानना (वसुधैव कुटुम्बकंम) तथा सभी के कल्याण और स्वास्थ्य की कामना करना हमारा आदर्श हैं |
उत्तरवैदिक काल में हमें विभिन्न जनपदों का अस्तित्त्व दिखाई देता हैं | इस काल तक पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा पश्चिमी बिहार में लौह का व्यापक रूप से उपयोग किया जाने लगा था | लौह तकनीकी के कारण लोगों के भौतिक जीवन में बड़ा परिवर्तन आ गया और उनकी समाज में जीवन यापन करने की प्रवृत्ति सुदृढ़ हो गई | कृषि, उद्ध्योग, व्यापार, वाणिज्य आदि के विकास ने प्राचीन जनजातीय व्यवस्था को जर्जर बना दिया तथा छोटे-छोटे जनों का स्थान बड़े जन पदों ने ग्रहण कर लिया | ईसा पूर्व छठी शताब्दी तक आते आते जनपद, महाजनपदों के रूप में विकसित हो गए |
पुरातात्विक विशेषज्ञों के अनुसार भारतीय संस्कृति का विश्वव्यापी स्वरूप दिखाई देता हैं | समुद्र पार भारतीय प्रदेशो को दीपान्तर कहा जाता था | शक्तिशाली जलयानों में यात्रा करके भारतीय श्याम, इंडोनेशिया, मलेशिया, आस्ट्रेलिया, बोर्निओ,फिलिपींस, जापान और कोरिया तक पहुँचे और वहां अपना राजनैतिक व् सांस्कृतिक साम्राज्य स्थापित किया |
महाजनपद काल (600-325 ईसा पूर्व)
छठी शताब्दी ईसा पूर्व में उत्तर भारत में अनेक विस्तृत और शक्तिशाली स्वतंत्र राज्यों की स्थापना हुई, जिन्हें महाजनपदों की संज्ञा की गई | बौद्ध ग्रन्थ “अगुत्तरनिकाय” के अनुसार उस समय 16 महाजनपद सम्मिलित थे |
क्रम: |
महाजनपद |
राजधानी |
1. |
काशी |
वाराणसी |
2. |
कुरु |
इन्द्रप्रस्थ |
3. |
अंग |
चम्पा |
4. |
महाध |
राजगृह या गिरिव्रज |
5. |
वज्जि |
विदेह और मिथिला |
6. |
मल्ल |
कुशावती (कुशीनगर) |
7. |
चेदि |
शक्तिमती (सोत्थिवती) |
8. |
वत्स |
कौशाम्बी |
9. |
कौशल |
अयोध्या, साकेत, श्रावस्ती |
10. |
पांचाल |
कांपिल्य और अहिच्छत्र |
11. |
मत्स्य |
विराट नगर |
12 |
शूरसेन |
मथुरा |
13. |
अश्सक |
पोतन या पाटेली |
14. |
अवन्ती |
उज्जयिनी, महिष्मति |
15. |
गांधार |
तक्षशिला |
16. |
कम्बोज |
राजपुर/हाटक |
उपयुर्क्त 16 महाजनपदों में दो प्रकार के राज्य थे राजतंत्र और गणतंत्र | कोशल, बट्स, अवन्ती और मगध उस समय सर्वाधिक शक्तिशाली राजतंत्र थे | छठी शाताची ईसा पूर्व में अनेक गणतंत्रो का भी अस्तित्त्व था, जिनमें प्रमुख थे – कपिलवस्तु के शाक्य, सुंसुमारगिरी के भाग, अल्लाकप्प के बुली, केसपुत्त के काला, रामग्राम के कोलिय, कुशिनारा के मल्ल, पावा के मल्ल, पिप्पलिवन के मोरिय, वैशाली के लिच्छवी और मिथिला के विदेह |
Important Question
Q.1 किस बौद्ध ग्रन्थ के अनुसार भारत देश में 16 महाजन पर सम्मिलित थे ?
(A) वैशाली
(B) अगुत्तरनिकाय
(C) पावा
(D) उपनिषद
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Q.2 उत्तर वैदिक काल में कम्बोज की राजधानी का क्या नाम था?
(A) राजपुर
(B) तक्षशिला
(C) महिष्मति
(D) विराट नगर
Q.3 उत्तर वैदिक काल में अवन्ती की राजधानी का क्या नाम था?
(A) राजपुर
(B) तक्षशिला
(C) महिष्मति
(D) विराट नगर
Q.4 उत्तर वैदिक काल में कौशल की राजधानी का क्या नाम था?
(A) राजपुर
(B) तक्षशिला
(C) महिष्मति
(D) अयोध्या
Q.5 उत्तर वैदिक काल में वज्जि की राजधानी का क्या नाम था?
(A) तक्षशिला
(B) महिष्मति
(C) अयोध्या
(D) मिथिला
Q.6 उत्तर वैदिक काल में वत्स की राजधानी का क्या नाम था?
(A) कौशाम्बी
(B) महिष्मति
(C) अयोध्या
(D) मिथिला
Q.7 महाजनपद काल का समय बताइये |
(A) 600-425 ईसा पूर्व
(B) 600-325 ईसा पूर्व
(C) 400-325 ईसा पूर्व
(D) 500-425 ईसा पूर्व
Q,8 किस काल में लौह का व्यापक उपयोग पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में किया जाता था?
(A)वैदिक काल
(B) मध्य काल
(C) आधुनिक काल
(D) उत्तर वैदिक काल
Q.9 किस शताब्दी तक के आते आते महाजनपद पूर्ण रूप से भारत में विकसित हो गये थे?
(A) प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व
(B) दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व
(C) चतुर्थ शताब्दी ईसा पूर्व
(D) छठी शताब्दी ईसा पूर्व
Q.10 उत्तर वैदिक काल में समुद्र पार भारतीय प्रदेशो को किस नाम से पुकारा जाता था?
(A) पावा
(B) नाविक
(C) दीपान्तर
(D) विदेशी
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