प्रिय मित्रों,
आज का दौर हर दिन बढ़ती प्रतिस्पर्धा का हैं और इस दौड़ में हर व्यक्ति स्वंय को दूसरों से आगे पाना चाहता हैं, चाहे वह निजी क्षेत्र हो या सार्वजनिक। वही, अगर बात करें सफलता की तो हर किसी की सफलता की परिभाषा दूसरों से अलग होती हैं। इसलिए सर्वप्रथम “सफलता के लिए जरुरी है, खुद को जानना”।
अगर आपकी चाहत स्वयं को किसी प्रतिष्ठित सरकारी विभाग में नौकरी करता हुआ देखने की हैं, तो यह एक अवसर आपके भविष्य को सुरक्षित और समाज में सम्मान दिला सकता हैं। यूं तो गवर्नमेंट जॉब सभी युवाओं की पहली पसंद हैं। लेकिन एसएससी सीएचएसएल, सीजीएल, बैंकिंग परीक्षा, रेलवे या आरआरबी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की ओर छात्रों का रुझान अधिक होता हैं।
दोस्तो, आज इस लेख में हम आपको प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण टिप्स बताने जा रहे हैं, आखिर ऐसा क्या करें और क्या न करें, जिससे की आप इन कॉम्पिटिशन एग्जाम को आसानी से क्लीकर कर सकें।
आपको इस प्रतियोगिता का सामना करने के लिए समर्पण, कड़ी मेहनत, रणनीति, निरंतरता, समय, त्याग, भक्ति, निष्ठा और अभ्यास के साथ-साथ अच्छी तरह से तैयार होने की आवश्यकता हैं।
पाठ्यक्रम(सिलेबस) जो कि अध्ययन क्षमता का पहला कदम हैं, अधिकतर छात्र एक बार परीक्षा के सिलेबस से गुजरने के तुरंत बाद ही पढ़ाई करना शुरू कर देते हैं, लेकिन यह सही तरीका नहीं है। आपको अपने लक्ष्य(एग्जाम क्लियर) को पूरा करने के लिए परीक्षा पैटर्न की बुनियादी जानकारी के बाद कड़ी मेहनत के साथ एक प्रभावी परीक्षा रणनीति बनाने की आवश्यकता होती हैं। इसी से जुड़ी कहावत हैं कि-
" कठिन परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। "
यदि आप उन उम्मीदवारों में से हैं, जिन्होनें प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने का मन बना लिया हैं, शुरु में भले ही आपको यह मुश्किल लग रहा हैं, लेकिन यह सच नही हैं। आप इस लेख से कुछ जरुरी बाते जानकर परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए तैयारी शुरु कर सकते हैं-
जब आपने परीक्षा के लिए आवेदन किया हैं? अब,सबसे पहले परीक्षा पैटर्न का विश्लेषण, पाठ्यक्रम और योग्यता मापदंड का अध्ययन करें। फिर अपना एक प्लान बनाएं,क्योंकि बिना प्लानिंग के कामयाबी संभव नहीं हैं,इससे आपको यह मदद मिलेगी की आप अपने सबसे कमजोर और मजबूत विषयों के साथ-साथ विषयों को भी चिन्हित कर सकेंगे। साथ ही टाइम टेबल के अनुसार समय पर सारा सिलेबस कवर करने में आपको मदद मिलेगी। इस प्रकार एक स्ट्रेटेजी बनाने की आवश्यकता हैं।
वैसे तो आपने यह अक्सर सुना होगा कि 'सपने तब तक काम नहीं करते जब तक आप नहीं करते'। उदाहरण के तौर पर जब हम किसी दिए गए कार्य मे न्यूनतम श्रम का उपयोग करके अपने मस्तिष्क को इस्तेमाल करते हुए अच्छा परिणाम हासिल कर लेते हैं तो इसे स्मार्ट वर्क के रूप में जाना जाता है। तो इस प्रकार आप जिन विषयों में स्वंय को मजबूत पाते हैं उन विषयों को और अधिक मजबूत बनाएं ताकि आप उन्हें सरलता से हल कर सकें और अपने कमजोर विषयों को भी सुधार सकें। हालांकि जो विषय आपको काफी कठिन प्रतीत होता हैं और अगर यह ज्यादा महत्वपूर्ण भी नहीं है तो आप इसे छोड़ सकते हैं। लेकिन इस छोटे से नुकसान के लिए, आपको अन्य विषयों को मजबूत करना होगा।
रोजाना अखबार,ऑनलाइन आर्टिकल और मैगज़ीन पढ़ने की आदत डालें। यदि आपने परीक्षा के लिए हिंदी भाषा का चयन किया है, तो आपको दैनिक रुप से 'दैनिक भास्कर' या 'राजस्थान पत्रिका' को पढ़ना बेहतर होगा। दूसरी ओर अंग्रेजी भाषा के मामले में, आपके लिए 'टाइम्स ऑफ इंडिया' या 'द हिंदू' चुनना अच्छा रहेगा। साथ हीअगर आप सरकारी एग्जाम देते हैं तो दैनिक जीके और करंट अफेयर्स की जानकारी होना जरुरी है,वहीं करंट अफेयर्स कभी स्थिर नही होते हैं वह समय के साथ बदल जाते है। इसलिए कम से कम पिछले 6 महीने की करंट अफेयर्स की जानकारी अपने पास रखे।
यह कहना बिल्कुल सही हैं कि बड़ा सोचो और ऊँचा सपना देखो। वहीं एक बात यह भी हैं कि बिना मेहनत के केवल बड़ी सोच रखने से और ऊंचे सपने देखने से सफलता हासिल नही की जा सकती हैं। बल्कि अपनी आंखों को अपने लक्ष्य पर बनाए रखें। यदि आप परीक्षा की बहुत अच्छे से तैयारी करते हैं पर परीक्षा देते समय अपने अंदर आत्मविश्वास नहीं हैं तो एग्जाम मे प्रश्न का उत्तर आते हुए भी गलत उत्तर करके आ सकते हैं। इसलिए सफलता के लिए आत्म-विश्वास भी आवश्यक हैं।
लगातार अध्ययन भी हमारे मस्तिष्क के लिए बोझ बन जाता हैं इसलिए कुछ समय अपने मनोरंजन के लिए भी दें। अपने आनंद को आगे बढ़ाने के लिए कभी-कभी संडे ऑफ लें, यह आपके दिमाग और आत्मा को आराम देगा। अपने दोस्तों के साथ एक शोर्ट ट्रीप पर जाएं, अपना पसंदीदा भोजन खाएं (जब भी आपका ऐसा महसूस हो), सप्ताह में एक बार एक फिल्म देखें। संक्षेप में, अपने आप को खुश करो। यह आपकी तैयारी में बूस्टर की तरह काम करता हैं।
रीजनिंग सबसे ज्यादा समय लेने वाला विषय हैं जिसकी तैयारी हर छात्र को करनी पड़ती हैं। रीजनिंग विषय के कुछ विषय जैसे सीटिंग अरेंजमेंट, सिल्लोलिज्म इत्यादि वास्तविक सिरदर्द हो सकते हैं। और यह बहुत महत्वपूर्ण भी हैं। यदि आपका ध्यान केंद्रित नही होता हैं तो आप रीजनिंग के सवालो का जवाब देने में खुद को असमर्थ पाएगेंष इसलिए, तब तक अधिक से अधिक अभ्यास करें जब तक आप खुद से संतुष्ट न हो जाएं।
हर विषय के अध्ययन के बाद निरतंर अपनी तैयारी का परीक्षण करें। यह जानने के लिए कि आप परीक्षा में किस स्तर पर हैं, यह जानने के लिए हमारी लाइव टेस्ट सीरिज में शामिल हों और परिणामों को अपने आत्मविश्वास को तोड़ने न दें या इसे अति-आत्मविश्वास में परिवर्तित करें। साथ ही सही समय पर अध्ययन शुरु करे न कि परीक्षा होने के बाकि कुछ दिनो में।
अपनी तैयारी की योजना इस तरह से बनाएं कि आप परीक्षा से महीनों पहले अपना सिलेबस पूरा कर लें ताकि आपके पास रिवाइज के लिए पर्याप्त समय हो सकें।
परीक्षा की तैयारी के दौरान कुछ चीजें आपको नहीं करनी चाहिए, जैसा कि नीचे दिया गया हैं-
परीक्षा के समय जल्दबाज़ी में किसी भी टॉपिक को रटना कभी कामागर साबित नही होता हैं। जिसके अंत में आप सब कुछ भूल जाते हैं। इसलिए आपको अवधारणाओं को समझने की आवश्यकता हैं न की रट्टा लगाने की।
जैसा कि सभी जानते हैं कि हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें 7 से 8 घंटे की नींद लेनी आवश्यक होती हैं। लगातार अध्ययन के दौर में जगह बनाने के लिए और दिमाग को ज्ञान को पचाने के लिए नींद की जरुरत होती हैं। ऐसे में यदि आपका मन नहीं जागा है, तो शरीर के साथ रहने का कोई मतलब नहीं है। यह पहले से ही भरा गिलास पानी भरने जैसा ही होगा।
यह कहना भी सही हैं कि जब तक हमारा दिमाग और शरीर किसी कार्य में साथ नही देता हैं, तब तक हम उस कार्य को रुचि से नहीं करते हैं। इसलिए एक या दो घंटे तक लगातार अध्ययन करने के बाद, टहलने जाएं, कॉफी या चाय का सेवन करें। यदि आप नींद महसूस कर रहे हैं, तो एक छोटी झपकी लें।
आपके द्वारा बनाए गये टाइम टेबल के अनुसार समय सीमा के भीतर खुद को बांधने की कोशिश करें। किसी भी टॉपिक के लिए एक टाइमलाइन तय करें और उसे उस टाइमलाइन से ही खत्म करें। प्रश्नों को हल करते समय, एक समय निश्चित करें और उन्हें उसके भीतर हल करें। यह आपको कुशल बनाए रखता है और आपके दिमाग को दबाव वाले वातावरण में काम करने देता है।
हमारे द्वारा प्रदान की गई उपरोक्त तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सभी टिप्स का अनुसरण करें और यह निश्चित ही आपको प्रतियोगी परीक्षा में उच्च रैंक दिलाने में मदद करेगी।
कोई भी परीक्षा स्वंय के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण नही हैं अन्य रुप में यह भी कह सकते हैं कि एक परीक्षा आपकी क्षमता और जुनून को परिभाषित नहीं कर सकती हैं। उसी प्रकार यदि जीवन में उतार- चढ़ाव न हों तो जीवन रसहीन हो जाता हैं। इसलिए जीवन में असफलताओं का होना भी उतना ही महत्वपूर्ण हैं जितना की सफलताओं का। असफलताओं से लड़ते हुए जब व्यक्ति सफ़लता प्राप्त करता है, तभी वह उसका पूर्ण आनंद ले सकता हैं। इसलिए बिना घबरांए 100% के साथ आप अपनी कोशिश लगातार जारी रखें।
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