संविधान की अनुसूचियां
प्रथम अनुसूची: इस अध्याय में हमें “भारत और भारत के राज्य क्षेत्र” का वर्णन मिलता हैं |
द्धितीय सूची: इस सूची में “संवैधानिक पदों” का अध्ययन किया जाता हैं |
तीसरी सूची: इस सूची में “उपरोक्त पदों की शपथ का प्रारूप” तैयार किया गया हैं |
चतुर्थ सूची: इस सूची के द्वारा “राज्य सभा सीटों का आवंटन” किया जाता हैं |
पंचम अनुसूची: इस सूची के अन्तर्गत “अनुसूची जनजाति क्षेत्रो का प्रशासन” को शामिल किया गया हैं |
षष्टम अनुसूची: इस सूची के अन्तर्गत “असम,मेघालय,मणिपुर और त्रिपुरा के st क्षेत्रों का प्रशासन” को शामिल किया गया हैं |
सप्तम अनुसूची: इस सूची के अन्तर्गत “केंद्र राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन” को शामिल किया गया हैं जिसके अन्तर्गत तीन सूची को समाहित किया गया हैं |
(1) संघ सूची: केंद्र सरकार के पास कुल 97 विषय: रक्षा, विदेशी मामले, रेल, संचार, मुद्रा आदि विषयों को शामिल किया गया हैं |
(2) राज्य सूची: राज्य सरकारों के पास कुल 61 विषय (मूल संविधान में 66 विषय) जैसे: शांति व्यवस्था, पुलिस, जन-स्वास्थ्य, जेल प्रशासन, सहकारिता, पर्यटन आदि विषयों को शामिल किया गया हैं |
(3) समवर्ती सूची: केंद्र और राज्यों के पास कुल 52 विषय (मूल संविधान में 47 विषय) जैसे; टकराव की स्थिति में केंद्र सरकार का कानूनी प्रभाव, शिक्षा, न्याय प्रशासन, वन, वन्य जीव संरक्षण, नापतौल आदि विषयों को शामिल किया गया हैं |
अष्टम अनुसूची: इस सूची के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त भाषाओं (मूल संविधान में 14 भाषाएं) को शामिल किया गया हैं | परन्तु वर्तमान में 22 भाषाएँ शामिल हैं |
क्र.सं. |
भाषा |
1 |
असमिया |
2 |
मणिपुरी |
3 |
नेपाली |
4 |
बोडो |
5 |
बांग्ला |
6 |
मैथिलि |
7 |
संथाली |
8 |
हिंदी |
9 |
कश्मीरी |
10 |
डोगरी |
11 |
पंजाबी |
12 |
गुजराती |
13 |
मराठी |
14 |
कोंकणी |
15 |
कन्नड़ |
16 |
मलयालम |
17 |
तमिल |
18 |
तेलेगु |
19 |
ओडिसी |
20 |
संस्कृत |
21 |
उर्दू |
22 |
सिन्धी |
Note: (1) 1967 में हुए 21 वें संविधान संशोधन द्वारा सिन्धी भाषा को जोड़ा गया
(2) 1992 में हुए 71 वें संविधान संशोधन द्वारा नेपाली, मणिपुरी, कोंकणी भाषा को जोड़ा गया |
(3) 2003 में हुए 92 वें संविधान संशोधन द्वारा डोगरी, मैथिलि, संथाली और बोडो भाषा को जोड़ा गया |
नवम अनुसूची: इस अनुसूची को 1951 में हुए प्रथम संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया जिसके अन्तर्गत “न्यायिक पुनरावलोकन से निषेधित विषय” को शामिल किया गया |
दशम अनुसूची: इस अनुसूची को 1985 में 52 वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया जिसके अन्तर्गत “दल-बदल निषेध कानून” को शामिल किया गया |
ग्यारहवीं अनुसूची: इस अनुसूची को 1993 में 73 वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया जिसके अन्तर्गत “पंचायती राज व्यवस्था से सम्बंधित 29 विषयों” को शामिल किया गया |
बारहवीं अनुसूची: इस अनुसूची को 1993 में 74 वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया जिसके अन्तर्गत “नगरीय स्व-शासन से सम्बंधित 18 विषय” को शामिल किया गया |
प्रस्तावना
पंडित ठाकुर दास भार्गव का कथन हैं की –
(1) प्रस्तावन संविधान की कुंजी हैं |
(2) प्रस्तावना संविधान की आत्मा हैं |
Note:
(1) डॉ. अम्बेडकर ने अनु. 32 (संवैधानिक उपचारों के अधिकार) को संविधान की आत्मा कहा हैं |
(2) प्रस्तावना में केवल 1 बार संशोधन किया गया हैं | (42 वें संशोधन 1967 द्वारा) समाजवादी और अखण्डता दो नए शब्दों को जोड़ा गया हैं |
(3) बेरुबारी विवाद में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रस्तावना को संविधान का अंग/भाग नहीं माना |
(4) केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य विवाद 1973 में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रस्तावन को संविधान का अंग/भाग स्वीकार किया |
(5) वर्तमान में प्रस्तावना संविधान का अंग हैं |
भाग:1 – भारत, संघ राज्य क्षेत्र (अनु.1-4)
अनु.1: नाम: भारत और इंडिया (राज्यों का संघ Union of States) कहा गया हैं |
अनु.2: नए राज्यों का प्रवेश
अनु.3: नए राज्यों का निर्माण, वर्तमान राज्यों के नाम, क्षेत्रों और सीमाओं में परिवर्तन का अधिकार संसद को प्रदत्त/दिया गया हैं |
अनु.4: विशिष्ट विधियों को शामिल किया गया |
भाग-2: नागरिकता (अनु.5 से 11)
(1) भारत में एकल नागरिकता लागू हैं |
अपवाद: जम्मू-कश्मीर (यहाँ अनु. 370 की विशिष्ट स्थिति के कारण दोहरी नागरिकता का प्रावधान हैं)
नागरिकता |
देश |
एकल नागरिकता |
भारत, ब्रिटेन |
दोहरी नागरिकता |
U.S.A. |
तिहरी नागरिकता |
स्विट्जरर्लेंड |
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