712 ई. में मुहम्मद बिन कासिम द्वारा सिंध पर किये गये आक्रमण के समय उसे किस स्थानीय सम्प्रदाय का सहयोग मिला?
(A) जैनियों का
(B) बौद्धों का
(C) ब्राह्मणों का
(D) इस्लाम के अनुयायियों का
‘मुहम्मद बिन क़ासिम’ एक नवयुवक अरब सेनापति था। उसे ईराक के प्रान्तपति अलहज्जाज ने, जो मुहम्मद बिन क़ासिम का चाचा और श्वसुर भी था, सिन्ध के शासक दाहिर को दण्ड देने के लिए भेजा था। नेऊन पाकिस्तान में वर्तमान हैदराबाद के दक्षिण में स्थित चराक के समीप स्थित था। देवल के बाद मुहम्मद क़ासिम नेऊन की विजय के लिए आगे बढ़ा। दाहिर ने नेऊन की रक्षा का दायित्व एक पुरोहित को सौंप कर अपने बेटे जयसिंह को ब्राह्मणाबाद बुला लिया। नेऊन में बौद्धों की संख्या अधिक थी। उन्होंने मुहम्मद बिन क़ासिम का स्वागत किया। इस प्रकार बिना युद्ध किए ही मीर क़ासिम का नेऊन दुर्ग पर अधिकार हो गया।
गुर्जर प्रतिहार वंश की तीन शाखाओं- ‘भृगुकच्छ नन्दीपुर शाखा’, ‘माहय्यपुर मेदंतक शाखा’ तथा ‘उज्जैयिनी शाखा’ में उज्जैयिनी शाखा के गुर्जर-प्रतिहारों के वंश का संस्थापक कौन था?
(A) हरिश्चन्द्र
(B) नागभट्ट
(C) मिहिरभोज
(D) नागभट्ट द्वितीय
‘नागभट्ट प्रथम’ गुर्जर प्रतिहार वंश का प्रथम ऐतिहासिक पुरुष था। इसे ‘हरिशचन्द्र’ के नाम से भी जाना जाता था। उसकी दो पत्नियाँ थीं- एक ब्राह्मण थी और दूसरी क्षत्रिय। उसके विषय में ग्वालियर अभिलेख से जानकारी मिलती है, जिसके अनुसार उसने अरबों को सिंध से आगे नहीं बढ़ने दिया।
सर्वप्रथम भारत में ‘जज़िया कर’ लगाने का श्रेय मुहम्मद बिन कासिम को दिया जाता है। उसने किस वर्ग को इस कर से पूर्णतः मुक्त रखा था?
(A) मुस्लिम
(B) बौद्ध
(C) ब्राह्मण
(D) निम्न जाति के लोग
सर्वप्रथम मुहम्मद बिन कासिम ने ही भारत में सिंध प्रान्त के देवल में जजिया कर लगाया था। इसके बाद जजिया कर लगाने वाला दिल्ली सल्तनत का सुल्तान फिरोज तुगलक था। इसने जजिया को खराज (भूराजस्व) से निकालकर पृथक कर के रूप में बसूला। इससे पूर्वब्राह्मणोंको इस कर से मुक्त रखा गया था।
712 ई. में सिंध पर अरबों के आक्रमण के समय वहाँ का शासक कौन था?
(A) दाहिरयाह
(B) दाहिर
(C) चच
(D) राय साहसी
राजा दाहिर सेनसिंध के अंतिम हिंदू राजा थे। उनके समय में ही अरबों ने सर्वप्रथम सन ७१२ में भारत (सिंध) पर आक्रमण किया था।
किस विदेशी यात्री ने गुर्जर प्रतिहार वंश को ‘अल-गजुर’ एवं इस वंश के शासकों को ‘बौरा’ कहकर पुकारा?
(A) सुलेमान
(B) अलमसूदी
(C) अलबरूनी
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
अलमसूदी’अलमसूदी’ अरब का एक विद्वान् और प्रमुख भूगोलवेत्ता था। 915-916 ई. में वह भारत की यात्रा करने वाला बग़दाद का विदेशी यात्री था। अलमसूदी का जन्म नवीं शताब्दी के अंतिम चरण में बग़दाद में हुआ था। सम्भवत: गुर्जर प्रतिहार वंश के शासक महिपाल (910-940 ई.) के शासन काल के दौरान ही अलमसूदी गुजरात आया था। उसने गुर्जर प्रतिहारों को ‘अलगुर्जर’ एवं राजा को ‘बौरा’ कहा था।
भारत में खोजा गया सबसे पुराना शहर कौन-सा था?
(A) हड़प्पा
(B) पंजाब
(C) मोहनजोदड़ो
(D) सिंध
हड़प्पाकालीन एक मुहर’हड़प्पा’ पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित माण्टगोमरी ज़िले में रावी नदी के बायें तट पर एक पुरास्थल है। हड़प्पा में ध्वंशावशेषों के विषय में सबसे पहले जानकारी 1826 ई. में चार्ल्स मैन्सर्न ने दी। 1856 ई. में ब्रण्टन बन्धुओं ने हड़प्पा के पुरातात्विक महत्त्व को स्पष्ट किया। हड़प्पा के सामान्य आवास क्षेत्र के दक्षिण में एक ऐसा क़ब्रिस्तान स्थित है, जिसे ‘समाधि आर-37‘ नाम दिया गया है। यहाँ पर प्रारम्भ में माधोस्वरूप वत्स ने उत्खनन कराया। बाद में 1946 में ह्वीलर ने भी यहाँ पर उत्खनन कराया। यहाँ पर खुदाई से कुल 57 शवाधान पाए गए हैं। शव प्रायः उत्तर-दक्षिण दिशा में दफ़नाए जाते थे, जिनमें सिर उत्तर की ओर होता था।
हड़प्पा के मिट्टी के बर्तनों पर सामान्यत: किस रंग का उपयोग हुआ था?
(A) लाल रंग
(B) नीला रंग
(C) पांडु रंग
(D) गुलाबी रंग
हड़प्पाकालीन बर्तन’हड़प्पा’ पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित माण्टगोमरी ज़िले में रावी नदी के बायें तट पर एक पुरास्थल है। जॉन मार्शल के निर्देशन में 1921 ई. में दयाराम साहनी ने इस स्थल का उत्खनन कार्य प्रारम्भ करवाया। 1946 में मार्टीमर ह्वीलर ने हड़प्पा के पश्चिमी दुर्ग टीले की सुरक्षा का प्राचीर का स्वरूप ज्ञात करने के लिए यहाँ उत्खनन करवाया। हड़प्पा नगर के उत्खनन से तांबे की मुहरें प्राप्त हुई हैं। इस क्षेत्र की भाषा की लिपि चित्रात्मक थी। मोहनजोदड़ो से प्राप्त पशुपति की मुहर पर हाथी, गैंडा, बाघ और बैल अंकित हैं। हड़प्पा के मिट्टी के बर्तन पर सामान्यतः लाल रंग का उपयोग हुआ है।
कौन-सी बौद्ध रचना गीता के समान पवित्र मानी जाती है?
(A) जातक
(B) धम्मपद
(C) पिटक
(D) बुद्धचरित
धम्मपदको बौद्ध धर्म में गीता के समान पवित्र माना जाता है।
What was the other name of Chanakya?
(A) भट्टस्वामी
(B) विष्णुगुप्त
(C) राजशेखर
(D) विशाखदत्त
चाणक्य’कौटिल्य’ अथवा ‘चाणक्य’ अथवा ‘विष्णुगुप्त’ सम्पूर्ण विश्व में एक महान् राजनीतिज्ञ और मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनका व्यक्तिवाचक नाम ‘विष्णुगुप्त’, स्थानीय नाम ‘चाणक्य’ (चाणक्यवासी) और गोत्र नाम ‘कौटिल्य’ (कुटिल से) था। चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रधानमन्त्री थे। माना जाता है कि चाणक्य ने ईसा से 370 वर्ष पूर्व ऋषि चणक के पुत्र के रूप में जन्म लिया था। वही उनके आरंभिक काल के गुरु थे। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि चणक केवल उनके गुरु थे। चणक के ही शिष्य होने के नाते उनका नाम ‘चाणक्य’ पड़ा।
चरक और नागार्जुन किसके दरबार की शोभा थे?
(A) कनिष्क
(B) चन्द्रगुप्त मौर्य
(C) अशोक
(D) समुद्रगुप्त
कनिष्क का सिक्का’कनिष्क’ कुषाण वंश का प्रमुख सम्राट् था। वह भारतीय इतिहास में अपनी विजय, धार्मिक प्रवृत्ति, साहित्य तथा कला का प्रेमी होने के नाते विशेष स्थान रखता है। यूची क़बीले से निकली यूची जाति ने भारत में कुषाण वंश की स्थापना की और भारत को कनिष्क जैसा महान् शासक दिया। कनिष्क के संरक्षण में न केवल बौद्ध धर्म की उन्नति हुई, अपितु अनेक प्रसिद्ध विद्वानों ने भी उसके राजदरबार में आश्रय ग्रहण किया। वसुमित्र, पार्श्व और अश्वघोष के अतिरिक्त प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान् नागार्जुन भी उसका समकालीन था। नागार्जुन बौद्ध धर्म के प्रसिद्ध दार्शनिक हुए हैं और महायान सम्प्रदाय का प्रवर्तक उन्हीं को माना जाता है।
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